निकाय चुनाव में जोर आजमाइश करने वाले दिग्गज उम्मीदवारों की धुकधुकी बढ़ा रहा अध्यक्ष पद का संभावित आरक्षण
निकाय चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था लागू होने के बाद से ही चकिया नगर पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण सामान्य व महिला (सामान्य) के लिए ही होता चला आ रहा है। सामान्य होने से सभी जातियों के लोग निकाय चुनाव में अपनी दावेदारी करते हैं । उम्मीदवार यह नहीं सोचता था कि मैं अपनी दावेदारी कर सकता हूं या नहीं।

- चकिया नगर पंचायत के गठन से ही अध्यक्ष पद का आरक्षण आ रहा सामान्य
- नगर पंचायत चेयरमैन पद के लिए अनुसूचित जाति के आरक्षण की चर्चा से जोर आजमाइश करने वाले उम्मीदवारों में बढ़ गई बेचैनी
चंदौली। निकाय चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था लागू होने के बाद से ही चकिया नगर पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण सामान्य व महिला (सामान्य) के लिए ही होता चला आ रहा है। सामान्य होने से सभी जातियों के लोग निकाय चुनाव में अपनी दावेदारी करते हैं । उम्मीदवार यह नहीं सोचता था कि मैं अपनी दावेदारी कर सकता हूं या नहीं। लेकिन इस बार चकिया नगर पंचायत के निकाय चुनाव का आरक्षण संभावित सूत्रों के अनुसार बदलते हुए दिख रहा है। जिससे सामान्य के दिग्गज उम्मीदवारों को डर सताने लगी है। यदि आरक्षण सुरक्षित हुआ तो निकाय चुनाव लड़ने से पूरी तरह सामान्य वर्ग के दिग्गज प्रत्याशी अलग हो जाएंगे।
बता दें कि नगर पंचायत चकिया का जब से गठन हुआ है तब से ही यहां पर निकाय चुनाव अध्यक्ष पद का आरक्षण सामान्य महिला व सामान्य पुरुष होता आ रहा है। इससे सभी जातियों को लाभ मिलता था कि जिसका मन चाहे वह चुनाव लड़कर अपनी मुराद पूरा करते थे। लेकिन इस बार निकाय चुनाव सुरक्षित होते हुए दिख रहा है। वर्षों से तैयारी में लगे दिग्गज उम्मीदवारों ने आरक्षण सामान्य कराने की ताकत भी झोंक रहे हैं। लेकिन यहां तो शासन के अलावा किसी की चलने वाला नहीं है। शासन द्वारा जो आरक्षण निर्धारित किया जाएगा वही पारदर्शी होगा। सूत्रों ने बताया कि सामान्य के दिग्गज उम्मीदवार आरक्षण आने से पहले ही अपनी जेबों को ढीला कर दिए हैं। जिससे उनको यह भय सता रहा है कि चकिया नगर पंचायत का आरक्षण कहीं सुरक्षित ना हो जाए।
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