प्रोफेसर बनना चाहती हैं 12वीं की टॉपर दिव्यांशी
फतेहपुर की रहने वाली दिव्यांशी ने यूपी बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। करीब 22 लाख से अधिक उम्मीदवारों के बीच उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है।

फतेहपुर,अमन यात्रा : फतेहपुर की रहने वाली दिव्यांशी ने यूपी बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। करीब 22 लाख से अधिक उम्मीदवारों के बीच उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से आज 18 जून, 2022 को दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के परिणाम को घोषित कर दिया है। कक्षा दसवीं में 88.18 फीसदी छात्रों ने सफलता प्राप्त की है। वहीं, बारहवीं कक्षा की परीक्षा में कुल 85.33 फीसदी छात्र सफल हुए हैं। छात्रों का परिणाम अब यूपी बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। बता दें कि इस साल दसवीं की बोर्ड परीक्षा में प्रिंस पटेल ने पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं, कक्षा 12वीं में फतेहपुर की दिव्यांशी ने टॉप किया है। इस खुशी के अवसर पर अमर उजाला ने बात की दिव्यांशी से। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा अपनी इस कामयाबी पर..
दिव्यांशी को इतने अंक मिले
फतेहपुर की रहने वाली दिव्यांशी ने यूपी बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। करीब 22 लाख से अधिक उम्मीदवारों के बीच उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। दिव्यांशी ने बारहवीं बोर्ड परीक्षा में 95.4 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। उन्हें 500 में से कुल 477 अंक मिले हैं। उन्होंने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता और बड़ी बहन को दिया है।
बड़ी बहन भी थी टॉपर
दिव्यांशी ने बताया कि उनकी बड़ी बहन ने भी कुछ साल पहले बोर्ड परीक्षा में टॉपर्स में स्थान हासिल किया था। दिव्यांशी ने जानकारी दी की उनकी बहन पलक ने भी इंटरमीडिएट साथ किया है। इस खुशी में वह घर-परिवार के साथ सेलिब्रेट करेंगी।
प्रोफेसर बनना चाहती हैं
दिव्यांशी ने बताया कि उन्होंने साइंस साइड से पढ़ाई की है और अब स्नातक करेंगी, इसके बाद आगे का फैसला करेंगी। उनकी इच्छा प्रोफेसर बनने की है। उनका सबसे पसंदीदा विषय मैथ्स है। उनकी बड़ी बहन उनके लिए प्रेरणा है।
कैसे की तैयारी?
दिव्यांशी ने अमर उजाला से बात करते हुए बताया कि उन्होंने निरंतर प्रयास किया। फालतू में नहीं सोचती थी कि आगे क्या करें और ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेती थी। बड़ी बहन को वह प्रेरणा मानती हैं। उन्होंने बताया कि उनके मम्मी-पापा ने भी बहुत सहयोग किया। कोरोना टाइम में ऑनलाइन सवाल पूछते थे तो टीचर्स मदद करते थे।
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