कानपुर देहात। परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति को लेकर हमेशा संकट बना रहता है। विभाग के तमाम प्रयासों के बाद भी स्कूलों में बच्चों का नामांकन और उपस्थिति नहीं बढ़ रही है। इसे देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने नई कवायद शुरू की है। विभाग की तरफ से अब स्कूलों में बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया जाएगा। इसके अंतर्गत बच्चों को खेल, लोकगीत, नाटक, कहानी, नृत्य, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कार्यक्रमों के माध्यम से पढ़ाई की ओर आकर्षित किया जाएगा।
बच्चों की शैक्षणिक सफलता के लिए उनका नियमित स्कूल आना अनिवार्य है। नियमित स्कूल न आने से भाषा, गणित बच्चों के लिए सबसे अधिक बाधक बनती है। विभाग का मानना है कि शिक्षकों के आत्मीय संबंध, शैक्षिक वातावरण व सामुदायिक सहभागिता से ही बच्चों की उपस्थिति संभव है। बीएसए को भेजे गए पत्र में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने लिखा है कि बच्चों की 75 फीसदी उपस्थिति या उससे अधिक का लक्ष्य हासिल करने के लिए अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताया जाए।
उन्हें सरकार की तरफ से संचालित योजनाओं मिड-डे मील, यूनिफार्म, जूता मोजा, स्टेशनरी, बैग आदि के बारे में जानकारी दी जाए। कक्षाओं को रोचक ढंग से सजाया जाए। बच्चों से रोज शिक्षण कार्य कराया जाए। विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जाए जिससे वे रोज स्कूल आने के लिए उत्साहित रहें। बच्चों को जिज्ञासा के अनुसार कहानियां सुनाई जाएं।
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