फरारी के समय विकास के मददगारों समेत छह सहयोगी गिरफ्तार, सेमी आटोमेटिक रायफल भी मिली
कानपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे फरार हो गया था। इसके बाद वह अपने सहयोगियों के पास जाकर छिप गया था और यूपी पुलिस उसकी तलाश करती रही थी।

कानपुर, अमन यात्रा। बिकरू कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे के आश्रयदाताओं के खिलाफ पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने सोमवार को बड़ी कामयाबी हासिल की है। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ ने फरारी के दौरान विकास दुबे को आश्रय देने वाले समेत छह सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही सेमी ऑटोमेटिक राइफल समेत कई हथियार बरामद होने की बात कही जा रही है। फिलहाल इसपर पुलिस के आला अफसर दोपहर बाद ही कुछ जानकारी दे सकते हैं।
कानपुर में चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला कर दिया। विकास दुबे ने साथियों की मदद से सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद विकास दुबे रात में ही फरार हो गया था और अपने सहयोगियों के पास जाकर छिप गया था। पुलिस उसकी काफी दिनों तक तलाश करती रही थी और करीब सात दिन के बाद विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने महाकाल मंदिर से पकड़कर यूपी पुलिस के सुपुर्द किया था। मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय गाड़ी पलट जाने पर विकास ने भागने का प्रयास किया था, जिससे एनकाउंटर में वह मारा गया था।
पुलिस की जांच के दौरान सामने आया था कि हमलवारों ने पुलिस टीम पर सेमी ऑटोमेटिक राइफल से फायरिंग की थी। पुलिस ने मौके से अमेरिकन विंचेस्टर कारतूस बरामद किए थे। पुलिस अबतक मामले में आराेपित 36 लोगों को जेल भेज चुकी है। अभी तक पुलिस को न तो विकास की सेमी ऑटोमेटिक राइफल बरामद हुई थी और न ही फरारी के समय उसे आश्रय देने वालों का पता चला था। पुलिस को वारदात में दो सेमी ऑटोमेटिक राइफल के प्रयोग होने की जानकारी मिली थी, जिनका प्रयोग विकास दुबे करता था। उसका लाइसेंस भांजे और छोटे भाई के नाम पर था।
सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ ने सोमवार को छह लोगों को गिरफ्तार करके एक सेमी ऑटोमेटिक राइफल, एक बार में 20 राउंड फायर करने वाली फुली ऑटोमेटिक कार्बाइन एक सिंगल बैरल बंदूक एक रिवाल्वर बरामद की है। बताया जा रहा है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उसमें एक व्यक्ति कानपुर देहात का है। उसने वारदात के बाद विकास दुबे को अपने घर में दो दिनों तक पनाह दी थी। इसके साथ ही पुलिस ने उस सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है जिसकी गाड़ी से विकास दुबे को कानपुर से बाहर ले जाया गया था।
गिरफ्तार लोगों में कुछ लोग मध्यप्रदेश से भी बताए जा रहे हैं। उसने ही फरारी के समय विकास दुबे को आश्रय दिया था। कहा जा रहा है कि विकास दुबे के पास हथियारों का जखीरा था, जिसे मध्यप्रदेश के तस्करों को बेचने की कोशिश की जा रही थी। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश दोपहर दो बजे पत्रकार वार्ता करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान वह आश्रयदाता कौन हैं और सेमी ऑटोमेटिक राइफल कहां से बरामद हुई आदि की जानकारी देंगे।
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