जयपुर,अमन यात्रा : दुनिया में प्रभु के जाग्रत पूरी शक्ति वाले नाम जयगुरुदेव का प्रचार करने वाले निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी इस समय के मौजूदा पूरे समर्थ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 13 मई 2022 सायंकाल जयपुर स्थित सुरति शब्द योग साधना धाम, बाबा उमाकान्त जी महाराज आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित सतसंग व नामदान कार्यक्रम में बताया कि गुरु महाराज (बाबा जयगुरुदेव) और उनके गुरु महाराज भी अपने गुरु महाराज का भंडारा हिंदी तिथि से करते थे। तो उसी अनुसार गुरु महाराज का भंडारा कार्यक्रम 26, 27, 28 मई 2022 को होगा। 27 तारीख को पूजन होगा। 28 तारीख तक जो लोग प्रसाद लेने के लिए आते रहेंगे, चलता रहेगा। तैयारी उज्जैन में शुरू हो गई है, कुछ प्रेमी पहुंच गए हैं। आप लोग भी उसमें आने की तैयारी करो। आपको तो आना ही आना है।
जो लोग प्रेत योनि औऱ चौरासी में जाने वाले हैं इनको नामदान मिल जाएगा तो बच जाएंगे
लेकिन और लोगों को लाओ क्योंकि आगे का समय बहुत खराब आ रहा है, मुसीबत आ रही हैं। मुसीबत से आप और वह भी बच जाएं। आपको कैसे फायदा होगा? जैसे कोई डूबने जा रहा है उसको आप बचा लिए। कहते हैं- जान बचाना बहुत बड़ा पुण्य का काम होता है तो वह पुण्य आपको मिल जाएगा। अकाल मृत्यु से लोग बच जाएंगे। जो उनका समय आ रहा है प्रेत योनि में जाने का, भटकने का, नरकों-चौरासी में जाने, जन्मने और मरने की पीड़ा से बच जाएंगे।
तीन दिन लोग तपस्या कर लें, भूख-प्यास को बर्दाश्त कर लें, जो खाने, आराम करने में लगे हैं
कोशिश करना है कि आपकी बातों का लोगों के ऊपर प्रभाव, असर पड़ जाए और वह 3 दिन की तपस्या कर ले क्योंकि इस भंडारे का नाम तपस्वी भंडारा रखा गया है। वह 3 दिन तपस्या
कर ले, शरीर को तपाले, भूख-प्यास को बर्दाश्त कर ले जो बराबर खाने-पीने और बढ़िया घर में आराम करने में लगे हुए हैं, वह 3 दिन के लिए उनका छूटे। आप इसके लिए कोशिश करो।
बचाने वाले के सामने तो विनाश करने वाले भी नहीं आते तो आपके लोगों को कोई अकाल मृत्यु में नहीं भेज पायेगा
कोशिश करके ले चलो क्योंकि अभी दफ्तर, रिश्तेदारी, बिरादरी में किसी का शरीर छूट जाए तो आप उनके लिए शोक सभा बुलाते हो, शोक मनाते हो, उसमें शरीक होते हो क्योंकि उनसे आपका लगाव, पहचान, परिचय है। जैसे व्यापारी का व्यापारी से। जब उन से लगाव है तो उनको बचाने की कोशिश करो। अगर वह भजन भाव भक्ति में, प्रभु को याद करने में लग जाएंगे, याद करेंगे तो वह तो बचाएगा ही बचाएगा। उसका तो बहुत लंबा हाथ है। वह आकर अगर खड़ा हो जाए तो विनाश करने वाले भी उनके सामने नहीं आते हैं। तो कोई हिम्मत करेगा उनको अकाल मृत्यु में भेजने की?इसलिए प्रेमियों बराबर कोशिश करो।
अधिकारी, व्यापारी, किसान अपने-अपने वर्ग के लोगों को लेकर नामदान दिलाकर आने वाली तबाही से लोगों की जान बचाओ
आप जो अधिकारी-कर्मचारी हो अधिकारी-कर्मचारीयों को समझाओ। उनको ले चल करके सतसंग सुनवाना, प्रसाद अपने हाथों से खिलवाओ, नामदान दिलवाओ। व्यापारी व्यापारियों को समझाओ। किसान, किसानों को। बच्चियों, बच्चियों को। रिश्तेदारी में जो रिश्तेदार हैं उनको। कोशिश करो कि ज्यादा से ज्यादा लोग वहां पहुंचकर सतसंग सुन लें, नामदान ले लें और प्रसाद अपने हाथ से ले लें, वह इसको करने लग जाएं। इससे हर तरह का फायदा होता है।
बाबा उमाकान्त जी महाराज के वचन
84 लाख योनियों में केवल मनुष्य ही ऐसा है जो परोपकार कर सकता है। समझ लो! कोरोना का तांडव, शिव तांडव के आगे कुछ भी नहीं है। सोचो! जब शिव तांडव होगा तब कितने धरती पर से जाएंगे और कितने बचेंगे। मानव मंदिर को गंदा रखकर पूजा करोगे तो कुबूल नहीं होगी। सन्त दर्शन करने व सतसंग सुनने से समस्याओं का समाधान होता है।