बदले मानकों के चलते बेसिक शिक्षा में राज्य पुरस्कार के लिए आवेदन करना अब हुआ और कठिन
परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को मिलने वाले राज्य पुरस्कार को पाने की चाहत सभी शिक्षकों की होती है पर इसे प्राप्त कर पाना इतना आसान नहीं है। बेसिक शिक्षा परिषद के जिस विद्यालय में छात्रों की संख्या कम है वहाँ के शिक्षक राज्य सरकार से मिलने वाले पुरस्कार से वंचित ही रहेंगे।
- परिषदीय स्कूल में कम हैं बच्चे तो नहीं मिलेगा राज्य शिक्षक पुरस्कार
- राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे इस तरह के विद्यालय वाले शिक्षक
कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को मिलने वाले राज्य पुरस्कार को पाने की चाहत सभी शिक्षकों की होती है पर इसे प्राप्त कर पाना इतना आसान नहीं है। बेसिक शिक्षा परिषद के जिस विद्यालय में छात्रों की संख्या कम है वहाँ के शिक्षक राज्य सरकार से मिलने वाले पुरस्कार से वंचित ही रहेंगे। उन्हें आवेदन का अधिकार ही नहीं होगा। राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए जारी नियमावली में कई संशोधन किए जाने से नवाचारी शिक्षकों में मायूसी छा गई है। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने राज्य अध्यापक पुरस्कार वर्ष-2023 के आवेदन की समय सारिणी जारी कर दी है।
इसमें विद्यालय में छात्रों के नामांकन को मानक पर पहले नम्बर पर रखा गया है। पुरस्कार की दौड़ में शामिल शिक्षकों को प्रेरणा वेब पोर्टल पर 15 जून से 10 जुलाई के बीच ऑनलाइन आवेदन करने को कहा गया है। 15 से 25 जुलाई के बीच जनपद चयन समिति शिक्षकों के आवेदन पत्रों का अभिलेखीय आधार पर परीक्षण, सत्यापन एवं मूल्यांकन उपरान्त 2 श्रेष्ठ शिक्षकों का चयन कर प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से राज्य चयन समिति को भेजेगी। राज्य चयन समिति 26 जुलाई से 10 अगस्त के बीच प्रत्येक जनपद के श्रेष्ठ शिक्षकों का साक्षात्कार करने के बाद चयन की संस्तुति करेगी तथा चयनित शिक्षक को शिक्षक दिवस (5 सितम्बर) पर पुरस्कृत किया जाएगा।
इसमें शर्त रखी गयी है कि आवेदक शिक्षक की 15 वर्ष की श्रेष्ठ सेवा होनी चाहिए तथा सेवानिवृत्त के लिए 5 वर्ष की सेवा बाकी हो। यहाँ तक तो ठीक है लेकिन एक ऐसी शर्त है जिसने योग्य शिक्षकों को परेशान कर दिया है। इस शर्त के मुताबिक वही शिक्षक पुरस्कार के पात्र होंगे जिनके प्राथमिक विद्यालय में 150 से कम, उच्च प्राथमिक विद्यालय में 105 से कम एवं कम्पोजिट विद्यालय में 255 छात्र-छात्राओं से कम नामांकन न हो।मानक तय करने के लिए शिक्षक के तैनाती विद्यालय में 15 वर्ष के दौरान छात्र नामांकन में वृद्धि के लिए अंक निर्धारित किए गए हैं।
निपुण भारत के लक्ष्य की प्राप्ति, कक्षा 5 पास छात्रों का कक्षा 6 में नामांकन तथा कक्षा 8 पास छात्रों का कक्षा 9 में नामांकन के आधार पर अंक के साथ ही विद्यालय में प्रचलित रजिस्टर को शत-प्रतिशत ऑनलाइन करने पर अंक दिए जाएंगे। साथ ही शिक्षक का सामुदायिक सहभागिता, आइसीटी का उपयोग एवं गतिविधियों का विवरण भी देना होगा। विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष शिक्षक के नियमित विद्यालय आने का प्रमाण पत्र देंगे, जिसे खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रतिहस्ताक्षरित करेंगे।
शिक्षकों को रास नहीं आया आदेश-
छात्र संख्या के आधार पर आवेदन करने के आदेश से नवाचारी शिक्षकों में रोष फैल गया। इन शिक्षकों का कहना है कि नगर क्षेत्र के विद्यालय में छात्रों का टोटा है। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में यह मानक पूरे करने वाले ब्लॉक के विद्यालय उंगलियों पर गिने जा सकते हैं। उन्होंने इस नियम को संशोधित करने की माँग की है।
यह है जनपद चयन समिति-
जनपद स्तरीय चयन समिति में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, वरिष्ठ खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं जिला अधिकारी द्वारा नामित जनपद स्तरीय शिक्षाविद को रखा गया है।