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बरौर में ईद मिलादुन्नबी का पर्व श्रद्धा और उल्लास से मनाया गया

पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिवस के पावन अवसर पर शुक्रवार को  ग्राम बरौर में ईद मिलादुन्नबी का पर्व धार्मिक श्रद्धा,आपसी भाईचारे और उल्लास के साथ मनाया गया।

Story Highlights
  • बरौर गांव में धूमधाम से मनाया गया ईद मिलादुन्नबी का पर्व।
  • लोगों ने घरों के सामने स्टॉल लगाकर राहगीरों को परोसे व्यंजन।
  • विशेष नमाज और नात-ए-पाक की महफिल का आयोजन हुआ।
  • गांव में सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारे का संदेश दिया गया।
  • कई युवाओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पुखरायां। पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के जन्मदिवस के पावन अवसर पर शुक्रवार को  ग्राम बरौर में ईद मिलादुन्नबी का पर्व धार्मिक श्रद्धा,आपसी भाईचारे और उल्लास के साथ मनाया गया। गांव में सुबह से ही रौनक और जश्न का माहौल देखने को मिला।हर गली,हर चौक और हर घर इस मौके पर सज-धज कर रोशनी से जगमगाता नजर आया।

गांव के लोगों ने अपने-अपने घरों के सामने रंग-बिरंगी सजावट के साथ बाती, मिठाई, कोल्ड ड्रिंक, समोसे व अन्य व्यंजन की व्यवस्था की,जो राहगीरों और मेहमानों को खुले दिल से परोसे गए।यह सेवा कार्य न सिर्फ इस पर्व की रूहानियत को दर्शाता है, बल्कि ग्रामवासियों की मेहमाननवाज़ी और इंसानियत के जज़्बे को भी उजागर करता है।

इस आयोजन में गांव के कई युवाओं और बुज़ुर्गों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।विशेष रूप से जीशान,मोहम्मद कासिम, इमरान, समीर, आशिफ राईन, शमशाद राईन, साजिद सिद्दीकी, अल्तमस, फैजान आदि ने पूरे कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई।इन सभी ने मिलकर पर्व को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की और गांव के सभी वर्गों को साथ जोड़ने का सराहनीय कार्य किया।

कार्यक्रम की शुरुआत गांव की मस्जिदों में विशेष नमाज और दुआओं के साथ हुई।लोगों ने देश की खुशहाली,अमन-शांति और आपसी एकता के लिए दुआएं मांगीं।उसके बाद नात-ए-पाक की महफ़िल का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों और युवाओं ने हज़रत मोहम्मद साहब की शान में नात पढ़कर समा बांध दिया।हर किसी की आंखों में मोहब्बत और दिल में अल्लाह के रसूल के लिए अकीदत साफ़ नज़र आ रही थी।

गांव के मुख्य चौक-चौराहों और रास्तों को झंडियों, लाइटों और रंग-बिरंगे कपड़ों से सजाया गया। बच्चों ने बैनर और पोस्टरों के ज़रिए मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। हर गली में एक ही पैग़ाम गूंज रहा था — “मोहब्बत बांटो, नफरत नहीं”।

ईद मिलादुन्नबी के इस अवसर ने ग्राम बरौर को एक बार फिर सांप्रदायिक सौहार्द,आपसी प्रेम और सामाजिक एकता का प्रतीक बना दिया।आयोजकों ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी गांव के सभी धर्मों और वर्गों के लोगों ने एक साथ मिलकर इस पर्व को मनाया और यही हमारी भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताक़त है।

अंत में सभी ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी और देश-समाज में शांति और भाईचारे की प्रार्थना की।इस मौके पर मौलाना कादिरी जामा मस्जिद इकरामुल हक,मो सफीक,रमज़ानी,मो जाकिर,शमशाद राइन,मो सलीद,आकिब,सलीम नेता, गपोले,जियाउद्दीन सिद्दीकी,इजराइल राइन आदि मौजूद रहे।

aman yatra
Author: aman yatra


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