कानपुर

बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में 13 आरोपितों पर गैंगस्टर, अब एनएसए लगाने की तैयारी

कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के घर जाते समय बसपा ने पिंटू सेंगर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। पुलिस ने जांच के बाद के बाद हत्यारोपितों पर कार्रवाई शुरू की है।

कानपुर, अमन यात्रा। बसपा नेता पिंटू सेंगर के हत्यारोपितों के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर तामील की ही। गुरुवार को हत्यारोपी मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल को छोड़कर बाकी बचे 13 आरोपितों के खिलाफ थाना चकेरी में मुकदमा दर्ज कराया गया। इस कार्रवाई के बाद पुलिस आरोपितों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है।

पिंटू सेंगर की 19 जून 2020 को उस वक्त गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी, जब वह वीरेंद्र पाल व मनोज गुप्ता से जुड़े एक जमीनी विवाद में पंचायत के लिए सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रेश सिंह के घर जा रहे थे। पुलिस ने मामले में हिस्ट्रीशीटर पप्पू स्मार्ट, मनोज गुप्ता, वीरेंद्र पाल, आमिर बिच्छू, तौसीफ, तनवीर बादशाह, सऊद अख्तर, महफूज अख्तर, टायसन, हैदर सैफी, सलमान बेग, अहसान कुरैशी, गुलरेज, फैसल कुरैशी, अनीस और उन्नाव में तैनात सिपाही श्याम शुशील मिश्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। दीपावली के दिन दिल का दौरा पडऩे से तौसीफ उर्फ कक्कू की जेल में मृत्यु हो गई थी। डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल को छोड़कर सभी 13 हत्यारोपियों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत मुकदमा थाना चकेरी में दर्ज कराया गया है।

पुलिस की वजह से बचे मनोज व वीरेंद्र

पिंटू सेंगर हत्याकांड को लेकर पूर्व में की गई पुलिस की कारगुजारी का असर केस में साफ दिखाई पड़ रहा है। पुलिस ने मुख्य आरोपित वीरेंद्र पाल व मनोज गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, मगर एक अक्टूबर 2020 को जब चार्जशीट दायर की गई तो पुलिस ने वीरेंद्र पाल व मनोज गुप्ता को क्लीनचिट देते हुए अदालत में धारा 169 के तहत उन्हें जेल से रिहा करने की अपील तक कर डाली। दैनिक जागरण ने पुलिस के इस खेल का पर्दाफाश करते हुए वह साक्ष्य पेश किए, जिसके आधार पर पुलिस का यह दावा झूठा साबित हुआ कि दोनों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

इसपर दोबारा जांच हुई और फिर पुलिस ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में दोनों को दोबारा आरोपित बनाया। दोनों हत्यारोपी पुलिस की पूर्व की कार्रवाई का हवाला देते हुए पिछले दिनों हाईकोर्ट गए थे और खुद को बेकसूर मानते हुए जमानत मांगी थी। इस प्रकरण में हाईकोर्ट ने वीरेंद्र पल की याचिका पर कोर्ट की प्रोसीडिंग पर स्टे दिया था। थाना प्रभारी चकेरी दधिबल तिवारी ने बताया कि चूंकि मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए दोनों के नाम फिलहाल नहीं शामिल गए हैं। अदालत से फैसला आने के बाद कोई फैसला लिया जाएगा।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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