बहराइच में दुष्कर्मी पिता को फांसी की सजा, डीएनए रिपोर्ट के आधार पर 85 दिन में कोर्ट ने सुनाया फैसला
रिश्तों की मर्यादा को तार-तार कर बेटी से दुष्कर्म करने के दोषी पिता को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। इस मुकदमे का निर्णय महज 85 दिन में आया। अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) प्रथम दुष्कर्म एंड पाक्सो एक्ट नितिन पांडेय ने मंगलवार को अपना निर्णय सुनाया।

बहराइच,अमन यात्रा । रिश्तों की मर्यादा को तार-तार कर बेटी से दुष्कर्म करने के दोषी पिता को न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। इस मुकदमे का निर्णय महज 85 दिन में आया। अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) प्रथम दुष्कर्म एंड पाक्सो एक्ट नितिन पांडेय ने मंगलवार को अपना निर्णय सुनाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना बीते 23 अगस्त को थाना सुजौली के एक गांव की है। घटना के दो दिन बाद 25 अगस्त को गांव की निवासी एक महिला ने अपने पति पर बेटी से दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए थाने में मुकदमा दर्ज कराया। महिला के अनुसार उसकी 15 वर्षीय बेटी रात में सो रही थी, इसी दौरान पिता ने उससे दुष्कर्म किया। बेटी के शोर मचाने पर उसकी मां मौके पर पहुंची तो उसने उसको पूरी घटना सुनाई। मां ने यह भी आरोप लगाया है कि अभियुक्त वर्षों से उससे दुष्कर्म करता चला आ रहा है। यही नहीं, विरोध करने पर वह बेटी को जान से मार डालने की धमकी देता है।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता पाक्सो संत प्रताप सिंह व विशेष लोक अभियोजक संतोष सिंह ने नौ गवाहों को पेश कराया। पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट, डीएनए परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आरोपित को दोष सिद्ध ठहराते हुए अदालत ने अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई है। अन्य धाराओं में भी अभियुक्त को सजा के साथ-साथ 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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