बाढ़ से मची तबाही:उत्तराखंड में अब तक 47 की मौत, केरल में 27 और नेपाल में 21 ने जान गंवाई
देश के कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। उत्तराखंड और केरल में भारी बारिश से आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है। उत्तराखंड में मंगलवार को बाढ़ और बारिश की वजह से हुए हादसों में 42 लोगों की मौत हो गई। ज्यादातर मौतें बादल फटने और लैंडस्लाइड की वजह से हुई हैं।
- राहुल गांधी बोले- उत्तराखंड में बाढ़ पीड़ितों की मदद करें कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता
नई दिल्ली / उत्तराखंड : देश के कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। उत्तराखंड और केरल में भारी बारिश से आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है। उत्तराखंड में मंगलवार को बाढ़ और बारिश की वजह से हुए हादसों में 42 लोगों की मौत हो गई। ज्यादातर मौतें बादल फटने और लैंडस्लाइड की वजह से हुई हैं। कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। बारिश से अब तक राज्य में 47 लोग जान गंवा चुके हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रियों से अपील की है कि वे जहां हैं वहीं रहें। मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा फिर से शुरू न करें।
अल्मोड़ा में मकान गिरने से 3 बच्चों की मौत
अल्मोड़ा में लैंडस्लाइड से मकान गिरने के कारण 3 बच्चों की दबकर मौत हो गई। एक महिला के घायल होने और एक व्यक्ति के लापता होने की भी खबर है। जिले के कई इलाकों का बाकी हिस्सों से संपर्क पूरी तरह से कट चुका है। मलबे के कारण जिले के कई रास्ते भी बंद हो गए हैं। मलबे में दबे हुए लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपेरशन जारी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए वायुसेना ने ध्रुव हेलिकॉप्टर उतारे
भारतीय वायुसेना के जवान बाढ़ की चपेट में आए उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। वायुसेना ने बाढ़ प्रभावित पंतनगर में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 3x ध्रुव हेलिकॉप्टर की मदद ली। सुंदरखाल गांव के पास 3 जगहों पर 25 लोग फंसे हुए थे। इन्हें हेलिकॉप्टर के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
राहुल गांधी बोले- उत्तराखंड में बाढ़ पीड़ितों की मदद करें कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को उत्तराखंड बाढ़ पीड़ितों के प्रति सहानुभूति जाहिर की। उन्होंने लोगों से सुरक्षा नियमों का पालन करने का आग्रह किया, क्योंकि राज्य में स्थिति अभी भी गंभीर है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बाढ़ प्रभावित राज्य में राहत कार्यों में हर संभव मदद करने को भी कहा। राहुल ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, “उत्तराखंड बाढ़ पीड़ितों के प्रति मेरी संवेदना। स्थिति अभी भी गंभीर है। सुरक्षा मानदंडों का पालन करें। मेरे कांग्रेस सहयोगियों से मेरी अपील है कि राहत कार्य में हर संभव मदद करें।”
केरल में बाढ़ और लैंडस्लाइड से 27 लोगों की मौत
केरल के भी कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई है, जिसके चलते बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। राज्य के अलग-अलग इलाकों में बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं में 27 लोगों की मौत हुई है। कुछ लोगों के लापता होने की भी खबर है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि इस दक्षिणी राज्य में 1 से 19 अक्टूबर के बीच 135% ज्यादा बारिश हुई है। सामान्य तौर पर इस अवधि में 192.7 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल 453.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
केरल के 11 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट
IMD का अनुमान है कि केरल के कई हिस्सों में 20 अक्टूबर से शुरू होने वाली बारिश तीन दिनों तक जारी रह सकती है। मौसम विभाग ने तिरुवनंतपुरम, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड और कन्नूर समेत राज्य के 11 जिलों में आज ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कासरगोड, अलाप्पुझा और कोल्लम में यलो अलर्ट जारी है। विभाग की ओर से 21 अक्टूबर को कन्नूर और कासरगोड को छोड़कर सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
बनबसा बैराज से पानी छोड़ने से UP के इलाके में बाढ़ का खतरा
उत्तराखंड और नेपाल में हो रही भारी बारिश का असर अब उत्तर प्रदेश में भी दिखाई देने लगा है। UP में कई नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। लखीमपुर खीरी, सीतापुर और बाराबंकी में बाढ़ का अलर्ट जारी हुआ है। नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। दरअसल, उत्तराखंड से बनबसा बैराज से पानी छोड़ा गया है। इसकी वजह से रामपुर इलाके में कोसी नदी कहर बरपाने लगी है। नदी से सटे दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
नेपाल में भी बारिश से 21 लोगों की मौत
नेपाल में भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है। यहां बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 21 लोगों की मौत हो गई है और 24 लोग लापता हैं। नेपाल के गृह मंत्रालय ने कहा कि देश के 19 जिले बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। देश में पहले ही मानसून के मौसम का अंत हो चुका था, लेकिन जलवायु में अचानक बदलाव आया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के चलते यात्रा, बिजली की सप्लाई और कृषि उपज की कटाई काफी प्रभावित हुई है।