बालू के अवैध खनन में बड़ा झमेला,अधिकारी जाँच रिपोर्ट में करते है खेला
बालू खनन को लेकर जिला चर्चा में रहता है खनन माफियाओ के दबंगई से जिले के किसान, ग्रामीण और नदी किनारे सब्जी उगाने वाले मजेदूर बुरी तरह से परेशान रहते है इस लिए की अधिकारी खनन माफियाओं के धन के इसारे पर नाचते है.
बाँदा। बालू खनन को लेकर जिला चर्चा में रहता है खनन माफियाओ के दबंगई से जिले के किसान, ग्रामीण और नदी किनारे सब्जी उगाने वाले मजेदूर बुरी तरह से परेशान रहते है इस लिए की अधिकारी खनन माफियाओं के धन के इसारे पर नाचते है यही वजह है की फर्यादियों को शिकायत का निस्तारण जाँच अधिकारी ठीक से नहीं कर पाते है।योगी सरकार मे बालू के अवैध खनन में बड़ा झमेला अधिकारी जाँच रिपोर्ट में करते है खेला ऐसी चर्चा जोरों से बनी हुई है।जिले में एक ही दिन में गलौली खदान के लिए दो बड़े अधिकारियों ने एक लेटर जारी कर दिया जो सोशल मीडिया और लोगों में चर्चा बन गया है एक लेटर है जो मीडिया के खबरों को संज्ञान मे ले खबर को झूठा साबित करने के लिए छपी शीर्षक को गलत साबित करने के लिए उप जिला आधिकरी पैलानी दिनेश सिंह ने बालू माफिया को पाक साफ बताया है और वहीं दूसरे लेटर मे जिला अधिकारी ने शासन के जाँच के निर्देशानुसार गलौली खदान पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाया था। अब सवाल यह उठता है कि आखिर जिलाअधिकारी के लेटर को क्यों झूठा साबित किया गया है यह चर्चा का विषय बना हुआ है। दो सरकारी पत्र 13 जून सन 2022 इसी तारीख में तहसील में तैनात उप जिलाधिकारी दिनेश सिंह ने खान संचालक को ईमानदार बताते हुए जिलाधिकारी को पत्र भेज दिया और वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों की शिकायत पर लखनऊ से आई खनिज टीम ने जब गलौली खंड का मौका मुआयना किया और नाप की गई तो खंड संचालों के द्वारा स्वीकृत 1468 हेक्टयर पट्टे से अतरिक्त बालू खनन करना पाया गया जिसमे स्वीकृत पट्टे से लगभग 5094 घन मीटर अधिक खनन करना पाया गया था। जिसके एवज में शासन से आई खनिज टीम ने जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र जारी कर संबंधित खंड संचालक को अवैध खनन करने का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया इतना ही नहीं बल्कि अवैध खनन करने के एवज में उन पर लगभग 45,84,600 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।