बीआरसी सभागार में हुई मीटिंग, प्रधानाध्यापकों को दिए गए आवश्यक दिशानिर्देश
सरवनखेड़ा एवं अकबरपुर बीआरसी सभागार में परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की मासिक बैठक का बीईओ अजब सिंह की अध्यक्षता में आहूत की गई जिसमें सभी प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को शिक्षा सुधार हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। मीटिंग में निपुण लक्ष्य प्राप्त करने हेतु प्रयासों एवं संचारी रोग अभियान के बारे में चर्चा की गई।
राजेश कटियार, कानपुर देहात। सरवनखेड़ा एवं अकबरपुर बीआरसी सभागार में परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की मासिक बैठक का बीईओ अजब सिंह की अध्यक्षता में आहूत की गई जिसमें सभी प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को शिक्षा सुधार हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। मीटिंग में निपुण लक्ष्य प्राप्त करने हेतु प्रयासों एवं संचारी रोग अभियान के बारे में चर्चा की गई।
राज्य परियोजना कार्यालय के आदेश के अंतर्गत प्रतितमाह चतुर्थ शनिवार को बैठक आहूत करने के निर्देश हैं जिसके अंतर्गत विकासखंड में निपुण भारत मॉनिटरिंग सेंटर ( एनबीएमसी) पर उपलब्ध डाटा रिपोर्ट की समीक्षा बैठक की गई।
खण्ड शिक्षा अधिकारी ने डाटा के आधार पर ऐसे विद्यालय जो रेड जोन और येलो जोन में आए हैं उनके प्रधानाध्यापकों से अपेक्षित प्रगति न होने के संबंध में कारण जाना और एकेडमिक टीम को निर्देश दिए कि आप रेड जोन के सभी विद्यालयों में अतिरिक्त समय देते हुए वहां की शैक्षिक समस्याओं का निदान कराएंगे और शिक्षकों के लिए प्रत्येक माह का लक्ष्य निर्धारित करेंगे जिससे कि विद्यालय बेहतर प्रदर्शन कर सकें। खण्ड शिक्षा अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि विकासखंड सुपर 50 के अंतर्गत चयनित है इसलिए प्रत्येक शिक्षक की जिम्मेदारी है कि अपने बच्चे को भाषा एवं गणित मे निपुण बनाए।
बच्चे तभी निपुण बनेंगे जब वह कक्षा में नियमित उपस्थित होंगे आप सभी उपस्थिति बढ़ाने के लिए अभिभावकों को फोन के माध्यम से या नियमित उनसे संपर्क कर बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करें तभी बच्चा कक्षा में नियमित रूप से उपस्थित हो पाएगा जब तक बच्चे का ठहराव कक्षा में नहीं होगा तब तक निपुण बनाने की संकल्पना पर 100 फीसदी सफलता कैसे प्राप्त की जाएगी। शिक्षकों को पारंपरिक कार्य शैली को छोड़कर प्रोफेशनल तरीके से कार्य करना होगा तभी हम विकासखंड को निर्धारित समय में निपुण विकासखंड बना सकेंगे।
माह सितंबर में 10 निपुण विद्यालय घोषित किए जाने वाले हैं जिसका असेसमेंट डायट स्तर से किया जाना है उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने अपने विद्यालय को निपुण बनाने में क्या प्रयास किया इसका डेमोंसट्रेशन सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। दीपिका वर्मा प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय अहिरनपुरवा-2 ने बताया कि बच्चों को नियमित अभ्यास कराने की आवश्यकता है। इसके लिए कठिन शब्दों को आप ब्लैक बोर्ड पर लिखे और बच्चों को उन्हें पढ़ने के लिए नियमित दें जिससे बच्चों की पठन क्षमता में विकास होता है। खंड शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापकों से कहा कि इस समय गर्मी एवं उमस भरा मौसम है आप सभी बच्चों को मलेरिया डेंगू एवं संचारी रोगों के बारे में प्रार्थना सभा में बताएं जिससे बच्चों के अंदर जागरूकता हो और वह अपना बचाव कर सकें।