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बीएसए रिद्धी ने प्राथमिक विद्यालय करसा का किया निरीक्षण, एमडीएम ना बनने पर प्रधानाध्यापक को दी अंतिम चेतावनी

जिलाधिकारी नेहा जैन के निर्देशन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पाण्डेय ने आज सुबह 8 : 40 बजे पर मॉडल प्राइमरी विद्यालय करसा सरवनखेड़ा का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान स्कूल में प्रधानाध्यापक और अन्य स्टाफ के बीच विवाद चल रहा पाया गया और लगातार इस स्कूल द्वारा पत्राचार किया जा रहा है.

Story Highlights
  • बीएसए के निरीक्षण के दौरान विद्यालय में कायाकल्प के कई पैरामीटर्स से नही मिला संतृप्त, बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता भी नहीं मिली संतोषजनक
  • बीएसए के निरीक्षण में मिली खामियां
  • समस्त स्टाफ का वेतन एवं मानदेय रोका गया
  • 3 दिन से नहीं बन रहा था एमडीएम, बच्चों का शैक्षिक स्तर भी मिला खराब
  • अपने ऑफिस कक्ष में ही लगवा रखा था इनवर्टर, बच्चे गर्मी से थे बेहाल 
कानपुर देहात, अमन यात्रा :  बीएसए रिद्धी पाण्डेय ने गुरुवार को सुबह 8.40 पर मॉडल प्राइमरी विद्यालय करसा सरवनखेड़ा का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय में खामियां ही खामियां पाईं गईं। बीएसए ने समस्त स्टाफ क्रमश: प्रधानाध्यापिका प्रीति, सहायक अध्यापिका अंजना बागवानी, सुनीता गौतम, गुंजन शर्मा, वीनू यादव एवं शिक्षामित्र सनोज कुमार और मीना देवी का अग्रिम आदेशों तक के लिए वेतन / मानदेय रोक दिया है।

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स्कूल में प्रधानाध्यापक और अन्य स्टाफ के बीच विवाद चल रहा है और लगातार इस स्कूल के शिक्षकों द्वारा पत्राचार किया जा रहा है। स्कूल में कुल छात्र संख्या 174 है जिसमें छात्र उपस्थिति 60 फीसदी से ऊपर मिली परंतु यहां 3 दिन से एमडीएम नहीं बना जिस वजह से इंचार्ज प्रधानाध्यापिका अंजना बागवानी को अंतिम चेतावनी दी गई। उसी के साथ-साथ एमडीएम का संपूर्ण संचालन प्रधानाध्यापिका प्रीति को दिया गया है जो कल से एमडीएम संचालित करेंगी। निरीक्षण में पाया गया की स्टाफ के बीच आपसी समन्वय न होने के कारण वहां शैक्षिक कार्य में भी लापरवाही की जा रही है। टीचर निपुण लक्ष्य के बारे में नहीं बता सके। समुचित साफ-सफाई भी नहीं मिली। विद्यालय में कायाकल्प के कई पैरामीटर्स संतृप्त नहीं मिले, कक्षाओं का अभी तक टाइलीकरण नहीं हुआ है।

बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता भी संतोषजनक नहीं दिखी। समस्त स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा गया है एवं अग्रिम आदेशों तक सभी स्टाफ का वेतन / मानदेय रोक दिया गया है। प्रधानाध्यापिका को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने कक्ष के अलावा बाकी सभी कक्ष के लिए भी इनवर्टर द्वारा लाइट की व्यवस्था करें क्योंकि बच्चे गर्मी से बेहाल रहते हैं और प्रधानाध्यापिका अपने ऑफिस रूम में पंखा चलाती रहती हैं जोकि गलत है। तीन दिवस के अंदर स्पष्टीकरण देने के निर्देश भी दिए गए हैं।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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