बेटे की हुई थी हत्या
एक साल पहले अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने का एलान होने के बाद लावारिस लाशों के मसीहा मोहम्मद शरीफ ने इच्छा जताई थी कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित करें. लेकिन, आज तक उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हुई है. बता दें कि, करीब 28 साल पहले सुल्तानपुर की एक ट्रेन में शरीफ की बेटे की हत्या कर दी गई थी. मोहम्मद शरीफ के बेटे की हत्या इसलिए कर दी गई थी क्योंकि वो, किसी मजलूम की इज्जत-आबरू और सम्मान को बचाना चाहता था.
25 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का किया अंतिम संस्कार
मोहम्मद शरीफ के बेटे को रेल की पटरियों के किनारे फेंक दिया गया था. पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए इनके बेटे की शर्ट के कॉलर के नीचे लगे हुए स्टीकर से शरीफ को खोजा था और उनके घर पहुंची थी. उस दिन के बाद से मोहम्मद शरीफ ने तय किया कि कोई भी लावारिस लाश हो उसका अंतिम संस्कार वो करेंगे. वो अब तक 25 हजार से ज्यादा लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं.
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