बुढ़वा मंगल कल, मंदिरों में तैयारियों को लेकर जन मानस में उत्साह का वातावरण
राम भक्त हनुमान जी के लिए समर्पित भादो मास का अंतिम मंगल बुढ़वा मंगल के रूप में मनाए जाने की परंपरा है जो 2 सितंबर को संपन्न होने जा रहा है और इसके लिए अकबरपुर नगर पंचायत तथा आसपास अनेक मंदिरों में हनुमान जी के विग्रह तथा मंदिर को सजाने का काम अंतिम चरण में है।

- जनपद मुख्यालय और आसपास सजने लगे हनुमान जी के विग्रह
- चालीसा के साथ साथ गायन वादन कला का प्रदर्शन भी किया जाएगा
सुशील त्रिवेदी,कानपुर देहात : राम भक्त हनुमान जी के लिए समर्पित भादो मास का अंतिम मंगल बुढ़वा मंगल के रूप में मनाए जाने की परंपरा है जो 2 सितंबर को संपन्न होने जा रहा है और इसके लिए अकबरपुर नगर पंचायत तथा आसपास अनेक मंदिरों में हनुमान जी के विग्रह तथा मंदिर को सजाने का काम अंतिम चरण में है। ज्ञातव्य है कि अकबरपुर के अयोध्यापुरी रामलीला मैदान के सामने स्थित बड़े मंदिर में राम भक्त हनुमान के विग्रह का पूजन और आराधना सैकड़ो वर्षों से होती चली आ रही है।यहां की व्यवस्था देख रहे पंडित सूर्य कांत त्रिपाठी ने बताया कि इस शिवालय के प्रवेश द्वार पर हनुमान जी महाराज का 5 फुट से भी ऊंचा विग्रह है और उनका साज श्रृंगार 3 दिन पहले अर्थात् शनिवार से शुरू कर दिया जाता है और मंगलवार को हनुमान चालीसा के 108 अनवरत पाठ तथा सायं बेला में शास्त्रीय संगीत का गायन वादन प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह आयोजन उनके पूर्वजों की प्रेरणा से सैकड़ों वर्षों से चला आ रहा है। इसी प्रकार गांधी नगर के त्रयंबकेश्वर महादेव मंदिर स्थित हनुमान जी को सजाया जाता है तथा शाम को सुंदरकांड का पाठ एवं गायन वादन के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है जबकि वैश्य धर्मशाला के निकट गौरी शंकर मंदिर में सजावट के साथ धार्मिक अनुष्ठान पूरा किया जाता है। इसके अतिरिक्त नगर पंचायत Rura के अनेक देवालयों में हनुमान जी महाराज का श्रंगार किया गया है जिनमें बजरंग सेवा समिति द्वारा दो दिवसीय आयोजन किया गया है जिसमें धनुष यज्ञ प्रमुख है। इस नगर में मंगलेश्वर मां दुर्गा मंदिर नवयुवक संगठन सेवा समिति झींझक रोड के बालाजी धाम एवं काशीपुर के हनुमान मंदिर में सुंदरकांड के पाठ के साथ धार्मिक अनुष्ठान पूरा किया जाता है।
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