उत्तरप्रदेशकानपुरकानपुर देहातफ्रेश न्यूजलखनऊ

बेसिक शिक्षकों से पढ़ाई से इतर काम करवाने के लिए दफ्तरों में संबद्ध न किए जानें का फरमान जारी

बेसिक शिक्षकों को अब शिक्षा विभाग के विभिन्न दफ्तरों में संबद्ध नहीं किया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने शिक्षकों से कार्यालय में काम लेने पर रोक लगा दी है। उन्होंने बेसिक शिक्षा, एससीईआरटी, समग्र शिक्षा, साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा और मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशकों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है

लखनऊ/कानपुर देहात। बेसिक शिक्षकों को अब शिक्षा विभाग के विभिन्न दफ्तरों में संबद्ध नहीं किया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने शिक्षकों से कार्यालय में काम लेने पर रोक लगा दी है। उन्होंने बेसिक शिक्षा, एससीईआरटी, समग्र शिक्षा, साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा और मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशकों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि शिक्षकों से पढ़ाई से इतर काम करवाने के लिए दफ्तरों में संबद्ध न किया जाए। उन्होंने सभी निदेशकों को लिखे पत्र में कहा है कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को निदेशालयों और उसकी इकाइयों में मास्टर ट्रेनर के तौर पर संबद्ध कर दिया जाता है या फिर दूसरे काम करवाए जाते हैं। उनको मॉड्यूल तैयार करने, पाठ्यक्रम से संबंधित काम, प्रश्न पत्र तैयार करने के अलावा दफ्तर के दूसरे काम करने के लिए भी संबद्ध किया जाता है।

शिक्षक जिस विद्यालय में मूल रूप से तैनात है, वहां वे नहीं जाते। इससे बच्चों का पठन-पाठन और भविष्य प्रभावित होता है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों को इन कामों के नाम पर किसी भी स्थिति में दफ्तरों में संबद्ध न किया जाए। इस काम के लिए डायट प्रवक्ता, सहायक अध्यापक, निदेशालयों में तैनात विशेषज्ञ, अनुदेशक का उपयोग किया जाए।
तो अब ऐसे रुकेगा खेल-

शिक्षकों का मूल काम पढ़ाना है। इसके बावजूद इससे हटकर कई काम उनसे लिए जाते हैं। इस वजह से स्कूलों में शिक्षक नहीं पहुंच पाते और पढ़ाई प्रभावित रहती है। शिक्षा विभाग के दफ्तरों में भी काफी संख्या में शिक्षकों से काम लिया जाता है। उसके पीछे अधिकारी यह तर्क देते हैं कि काम ज्यादा है और स्टाफ कम है। वहीं कुछ शिक्षक भी जो पढ़ाना नहीं चाहते, वे अफसरों और बाबुओं की मिलीभगत से खुद को दफ्तरों में संबद्ध करवा लेते हैं। खासतौर से दूर-दराज के शिक्षक आने- जाने की परेशानी से बचने के लिए यह काम करते हैं। इसको लेकर खुद दूसरे शिक्षक और उनके संगठन ही यह मांग उठाते रहे हैं कि उनसे पढ़ाई के इतर काम न लिए जाएं। ऐसी ही शिकायतों को ध्यान में रखकर डीजी ने यह निर्णय लिया है।

aman yatra
Author: aman yatra


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading