कानपुर देहात : बेसिक शिक्षा विभाग में मानव संपदा पोर्टल पर अभी तक सभी मृतक आश्रितों के अभिलेख अपलोड न होने पर प्रशासन सख्त है। 10 अक्टूबर 2022 तक मानव संपदा पोर्टल पर मृतक आश्रितों के अभिलेख अपलोड करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।बेसिक शिक्षा विभाग में 24511 मृतक आश्रित अध्यापक, लिपिक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं। उनमें से अधिकांश के शैक्षिक अभिलेख मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं हैं। पोर्टल पर किसी का हाईस्कूल का अंकपत्र नहीं तो किसी का प्रमाणपत्र नहीं, किसी का इंटर का अंकपत्र तो किसी का प्रमाणपत्र नदारद है।
इन आश्रितों को योग्यता के अनुसार अन्य विभागों में भेजे जाने की तैयारी चल रही है लेकिन शैक्षिक अभिलेख रोड़ा बने हैं। विभाग ने पोर्टल पर अभिलेख अपलोड करने की अवधि बढ़ा दी है। राज्य स्तरीय समीक्षा में सामने आया है कि 24511 मृतक आश्रितों में 9231 शिक्षक, 950 लिपिक व 14330 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। इनमें से 7019 कर्मचारियों की हाईस्कूल की मार्कशीट, 8786 का हाईस्कूल का प्रमाणपत्र, 8266 की इंटर की मार्कशीट, 10272 का
इंटर का प्रमाणपत्र पोर्टल पर अपलोड नहीं है। इसके अलावा 12800 कर्मियों के स्नातक का अंकपत्र, 18470 का स्नातक का प्रमाणपत्र (डिग्री) भी पोर्टल पर अपलोड नहीं है। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन कर्मियों की अर्हता संबंधी योग्यता बीएड, डीएलएड, बीटीसी है उन सभी कर्मियों ने भी अभिलेख अपलोड नहीं कराए हैं। ये कार्य अब 10 अक्टूबर 2022 तक अनिवार्य रूप से पूरा करें अन्यथा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। पहले भी कई बार समय दिया गया लेकिन तय समय में कार्य पूरा नहीं हो सका। ज्ञात हो कि बेसिक शिक्षा विभाग छात्र-छात्राओं से लेकर शिक्षक व कर्मचारियों का मानव संपदा पोर्टल पर डाटा बैंक तेजी से तैयार कर रहा है ताकि कामकाज में आसानी और रोजमर्रा की शिकायतों के निस्तारण में सहूलियत रहे और किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े की आशंका को समाप्त किया जा सके।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि जनपद में कुछ ही शिक्षकों, मृतक आश्रित कर्मचारियों, अनुदेशकों एवं शिक्षामित्रों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक एवं बीएड / बीटीसी के दस्तावेज अपलोड होनी शेष हैं, सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दे दिए हैं ताकि सभी कर्मचारियों के शत प्रतिशत शैक्षिक प्रमाणपत्रों को मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड करवाया जा सके।