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बेसिक स्कूलों में 50 फीसद कंपोजिट ग्रांट से सुधरेगी व्यवस्था, बजट जारी

परिषदीय विद्यालयों में ब्लैक बोर्ड की जगह अब व्हाइट व ग्रीन बोर्ड लेंगे। विद्यालयों को स्मार्ट बनाने के तहत चल रही कवायद, स्मार्ट क्लास रूम व पठन-पाठन के साथ ही अब व्हाइट व ग्रीन बोर्ड लगाए जाएंगे। वहीं विद्यालयों के लिए जारी कंपोजिट ग्रांट के व्यय आदि की जानकारी भी दीवारों पर पेंट की जाएगी ताकि सभी को इसके बारे में पता लग सके

Story Highlights
  • परिषदीय विद्यालयों में ब्लैकबोर्ड की जगह अब व्हाइट व ग्रीन बोर्ड लगेंगे
  • स्कूल की दीवारों पर पेंट किया जाएगा ग्रांट का हिसाब-किताब

लखनऊ/कानपुर देहात। परिषदीय विद्यालयों में ब्लैक बोर्ड की जगह अब व्हाइट व ग्रीन बोर्ड लेंगे। विद्यालयों को स्मार्ट बनाने के तहत चल रही कवायद, स्मार्ट क्लास रूम व पठन-पाठन के साथ ही अब व्हाइट व ग्रीन बोर्ड लगाए जाएंगे। वहीं विद्यालयों के लिए जारी कंपोजिट ग्रांट के व्यय आदि की जानकारी भी दीवारों पर पेंट की जाएगी ताकि सभी को इसके बारे में पता लग सके। परिषदीय स्कूलों के लिए सत्र 2025-26 के लिए कंपोजिट ग्रांट की 246 करोड़ (50 फीसदी) की राशि मंगलवार को जारी कर दी गई है। इसमें निर्देश दिया गया है कि सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में व्हाइट व ग्रीन बोर्ड लगाए जाएं। यह छात्रों के लिए ज्यादा उपयोगी व आंखों के लिए भी बेहतर होंगे। इस ग्रांट से विद्यालयों में प्रयोग के लिए दिए गए टैबलेट के लिए सिम व इंटरनेट में भी प्रयोग किया जा सकेगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि कंपोजिट ग्रांट की 10 फीसदी राशि का प्रयोग विद्यालयों की सफाई पर अनिवार्यरूप में किया जाएगा। इससे जुड़ी सामग्री खरीदी जा सकेगी। इसके अलावा सभी विद्यालयों में आवश्यक दवाएं व फर्स्ट एड की व्यवस्था की जाएगी। विद्यालयों में अग्निशमन यंत्र की भी व्यवस्था की जाए। विद्यालय के एलईडी, ट्यूबलाइट, पंखे आदि को भी ठीक कराया जाए।

कानपुर देहात के परिषदीय विद्यालयों में अब सुधरेगी व्यवस्था-
बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और संविलियन विद्यालयों में बेहतर व्यवस्था के लिए शासन की ओर से 50 फीसद कंपोजिट ग्रांट जारी कर दी गई है जिसके तहत कानपुर देहात को 2.94 करोड़ रूपए की धनराशि दी गई है। कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट हेतु स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष न्यूनतम 10 प्रतिशत धनराशि अनिवार्य रूप से स्वच्छता अभियान / कार्यक्रम पर व्यय हेतु आरक्षित है जो विद्यालय भवन, परिसर एवं छात्रों की स्वच्छता पर व्यय की जायेगी। यह भी सुनिश्चित किया जाये कि विद्यालय में आवश्यकतानुसार स्वच्छता सामग्री, यथा- टॉयलेट क्लीनर, फिनायल, साबुन, झाडू, डस्टिंग क्लॉथ, नेलकटर, हैण्डवॉश इत्यादि प्रत्येक दशा में वर्ष पर्यन्त उपलब्ध रहे। शिक्षकों के उपयोगार्थ उपलब्ध कराये जा रहे टेबलेट्स के संचालनार्थ सिम कार्ड एवं इण्टरनेट की सुविधा (वित्तीय वर्ष 2025-26) हेतु रिचार्ज कराए जाने वाले बिल का भुगतान स्वीकृति के अनुरूप जनपद स्तर से किया जाये।

उक्त सम्बन्ध में सूचना संकलन एवं पत्रावली व्यवहृत करने का कार्य जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) द्वारा किया जायेगा। निपुण भारत के लोगो की पेन्टिंग कार्य हेतु विद्यालय भवन की ऐसी दीवार का चयन किया जाये जो जनसामान्य हेतु प्रथम दृष्ट्या दृश्यमान हो। पेन्टिंग की माप आयताकार (45 सेमी चौड़ा एवं 60 सेमी ऊँचाई) के आकार में होगी। विद्यालय के ऐसे शौचालय / मूत्रालय जो छोटी-छोटी मरम्मत / छोटे-छोटे आवश्यक कार्य यथा- शौचालय शीट/यूरिनल पॉट में टूट-फूट आदि के कारण अक्रियाशील हैं उनमें उक्त कार्यों को कराकर उन्हें क्रियाशील करा लिया जाये। यदि शौचालय में टाइलीकरण का कार्य नहीं हुआ है तो इसे अनिवार्य रूप से पूर्ण करा लिया जाये।

नामांकन के आधार पर मिलेगा पैसा-
1 से 15 नामांकन पर 12500 रुपए स्कूल को मिलेगा जिसमें 1250 रुपए स्वच्छता के होंगे।
16 से 100 नामांकन पर 25000 रुपए मिलेगा जिसमें 2500 रुपए स्वच्छता के होंगे।
101 से 250 नामांकन पर 50 हजार मिलेंगे जिसमें 5 हजार स्वच्छता मद के होंगे।
251 से 1000 तक नामांकन रखने पर 75 हजार मिलेंगे जिसमें स्वच्छता मद के 7500 रुपए दिए जाएगे।
1000 से अधिक नामांकन पर 1 लाख रुपए दिए जाएगे जिसमें स्वच्छता के लिए 10 हजार रुपए होंगे।

anas quraishi
Author: anas quraishi

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