घाटमपुर नगर। तीन साल पहले घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के भ द र स गांव में बेटे की चाहत पर तांत्रिक के कहने पर रिश्ते के चाचा चाची ने भतीजे से 7 वर्षीय मासूम की हत्या कराई और उसका कलेजा निकाल कर खा लिया था। घटना में भतीजे पर दोस्तों के साथ मिलकर पहले बच्ची से रेप करने का आरोप था। जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। घटना में चाचा चाची ने अपने भतीजे को 500 और उसके दोस्त के ₹1000 दिए थे। शनिवार को कोर्ट ने सभी चार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 20-20 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है।
मासूम के पिता के अनुसार दीपावली की रात 14 नवंबर 2020 को उसकी 7 साल की बेटी घर के बाहर खेल रही थी। उसने रिश्ते के चाचा से ₹10 मांगे। जिसके बाद बेटी बिस्कुट लेने पड़ोस की दुकान पर गई पर वह वापस नहीं लौटी। परिजन रात भर उसकी तलाश करते रहे। गांव में जगह-जगह ढूंढा गया पर कुछ पता चल सका। घटना की सूचना पुलिस को भी दी गई थी। 15 नवंबर की सुबह दो महिलाओं ने काली मंदिर के पास बच्ची को क्षतविक्षत मृत अवस्था में पड़ा देखा।
इसके बाद सूचना परिजनों तक पहुंची। मौके पर पहुंचे परिजनों ने देखा की बच्ची के शरीर में कपड़े नहीं थे। पास ही खून से सनी उसकी चप्पल पड़ी है। मासूम का कलेजा फेफड़ा भी गायब था। सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंची और जांच के लिए डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया। डॉग स्क्वाड गांव के अंदर गई और पड़ोसी के घर के दरवाजे पर पैर मरने लगी। पुलिस ने देखा घर पर ताला बंद है। पता चला दंपति दिवाली की रात से गायब है। पुलिस ने दबिश देकर 18 नवंबर को एक रिश्तेदार के घर से भतीजे अंकुल और उसके दोस्त वीरेंन को हिरासत में लिया। पुलिसिया पूछताछ में नानुकुर कर रहे दोनों आखिरकार टूट गए और सच्चाई बयां कर दी। अंकुल ने बताया चाचा परशुराम ने किसी किताब में पढ़ा था कि अगर किसी बच्ची का कलेजा अपनी पत्नी के साथ मिलकर खाया जाए तो बेटा होगा।
जिस पर उसके चाचा परशुराम ने अंकुल को पैसे दिए। घटना को अंजाम देने के पहले अंकुल ने अपने दोस्त वीरेन के साथ शराब पी। फिर पड़ोस में ही रहने वाली बच्ची को पटाखा दिलाने के बहाने घर से ले गया। जंगल में जाकर उसके साथ रेप किया और गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। साथ ही पेट फाड़कर अंदर के सारे अंग निकाल लिए और चाचा को दे दिया। चाचा ने चाची के साथ मिलकर बच्ची का कलेजा का कुछ हिस्सा खाया और बाकी कुत्ते को खिला दिया। इस काम के लिए अंकुल को 500 और वीरेन को ₹1000 दिए गए।
बेटी की मौत के बाद प्रशासन ने दो बीघा जमीन गांव के तालाब के किनारे दी। जिसमें आज भी पानी भरा रहता है। जिससे जमीन की जुताई तक नहीं की जा सकती। कई बार शिकायत की पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इस कांड की अदालती सुनवाई के दौरान पोस्टमार्टम रिपोर्ट का जिक्र करते हुए अपर जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप पांडे भी भावुक गए। उन्होंने रोते हुए अदालत से इसे दुर्लभतम श्रेणी का अपराध बताते हुए चारों आरोपियों को मौत सजा देने की मांग की थी। अदालत ने मामले में चारों आरोपियों को उम्र कैद की सजा और 20-20 हजार रुपए जुर्माना लगाया है।
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