भोगनीपुर: संस्कृति कॉलेज ऑफ फार्मेसी में मानसिक स्वास्थ्य पर “चली कहानी” कार्यशाला
विशेषज्ञों ने युवाओं को तनाव और अवसाद से निपटने के तरीके सिखाए

कानपुर देहात। युवाओं में बढ़ते मानसिक तनाव और अवसाद की समस्या को देखते हुए शुक्रवार को संस्कृति कॉलेज ऑफ फार्मेसी में एक दिवसीय कार्यशाला “चली कहानी” का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों और आम लोगों को मानसिक तनाव से होने वाली परेशानियों, जैसे अवसाद और आत्महत्या, से बचने के लिए जागरूक करना था।
मुख्य वक्ता के रूप में आईं डॉ. रितिका अग्रवाल (साइकिक सर्जन) और कोमल ज्ञानचंदानी (चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट) ने छात्रों से सीधे संवाद किया। उन्होंने बताया कि आज की तेज रफ्तार जिंदगी में मानसिक दबाव बढ़ रहा है, जिससे युवाओं में चिंता, नींद की कमी और नकारात्मक सोच जैसी समस्याएं हो रही हैं। समय रहते ध्यान न देने पर ये समस्याएं गंभीर रूप ले सकती हैं।
डॉ. अग्रवाल और कोमल ज्ञानचंदानी ने तनाव कम करने के लिए कई तरीकों जैसे काउंसलिंग, संगीत और आर्ट थेरेपी, योग, ध्यान और सामूहिक गतिविधियों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात करने की जरूरत है, बिना किसी हिचकिचाहट के।
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छात्रों ने भी इस कार्यशाला में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने इस कार्यक्रम को तनाव कम करने और आत्मविश्वास बढ़ाने वाला बताया। कॉलेज प्रबंधन ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर कॉलेज के वाइस चेयरमैन अभिनव गोयल, डायरेक्टर डा0 अरविन्द कुमार सिंह, एच0ओ0डी0 मि0 ज्ञान प्रकाश, आशीष, आकांक्षा एवं समस्त स्टाफ मौजूद रहे। इसी क्रम में होली क्रास कानवेंट स्कूल की प्राधानाचार्या श्रीमती प्रियंका सिंह, फलक, रजनी त्रिपाठी, श्याम अवस्थी, आर0एस0 कटियार एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।
कॉलेज प्रशासन ने कहा कि छात्रों को मानसिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने के लिए ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाते रहेंगे।
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