मदरसा अतुउलूम में रोजा इफ्तार का शानदार आयोजन, रमजान की रौनक बिखरी
रमजान के पवित्र महीने में पुखरायां के मदरसा अतुउलूम , नूरगंज मंडी समिति में रोजा इफ्तार का एक भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ।

- नूरगंज मंडी समिति में जुटे लोग, मौलानाओं और हाजी ने बढ़ाई शोभा
पुखरायां, कानपुर देहात: रमजान के पवित्र महीने में पुखरायां के मदरसा अतुउलूम , नूरगंज मंडी समिति में रोजा इफ्तार का एक भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर नरेंद्र पाल सिंह मनु, अरुण कुमार बबलू, मौलाना अब्दुल माजिद, मौलाना मुफ्ती सईद, मौलाना अब्दुल खालिद, मौलाना मुबीन साहब, मौलाना सलीम साहब, हाजी नसीम शेखू खान, मनोज यादव, धर्मवीर लोहिया, शेख मोहम्मद मुबारक अली, शिवम यादव, सोनू पाण्डेय और सुरेंद्र सिंह (प्रतिनिधि पूर्व विधायक) सहित कई लोग शामिल हुए। यह आयोजन रमजान की फिजा को और खूबसूरत बना गया।
नरेंद्र पाल सिंह मनु का संदेश- “रमजान का पैगाम है एकता और प्रेम”
नरेंद्र पाल सिंह मनु ने इस अवसर पर कहा, “रमजान का महीना एकता, भाईचारा और आपसी प्रेम का संदेश देता है। यह वह वक्त है जब हम सब मिलकर समाज में सौहार्द और शांति को बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।” उन्होंने रमजान की इस खासियत को हर दिल तक पहुंचाने की बात कही और सभी को इस पवित्र महीने की शुभकामनाएं दीं।
अरुण कुमार बबलू बोले- “रमजान सिखाता है संयम और मदद की भावना”
अरुण कुमार बबलू ने अपने विचार रखते हुए कहा, “रमजान हमें धैर्य, संयम और दूसरों की मदद करने की प्रेरणा देता है। यह महीना हर इंसान को एक बेहतर इंसान बनने का मौका देता है।” उन्होंने इफ्तार में शामिल सभी लोगों को रमजान की मुबारकबाद दी और इस आयोजन को एकता का प्रतीक बताया।
मौलानाओं की दुआओं से शुरू हुआ इफ्तार, खजूर-शरबत ने बांटी मिठास
कार्यक्रम में मौलाना अब्दुल माजिद, मौलाना मुफ्ती सईद, मौलाना अब्दुल खालिद, मौलाना मुबीन साहब और मौलाना सलीम साहब ने दुआओं के साथ इफ्तार की शुरुआत की। हाजी नसीम शेखू खान ने भी सभी को रमजान की शुभकामनाएं दीं। खजूर, शरबत और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ इफ्तार का यह समारोह हर किसी के लिए यादगार बन गया। मनोज यादव, धर्मवीर लोहिया, शेख मोहम्मद मुबारक अली, शिवम यादव, सोनू पाण्डेय और सुरेंद्र सिंह ने आयोजन को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
रमजान की रौनक का उत्सव, भाईचारे का अनूठा नजारा
यह रोजा इफ्तार का आयोजन सिर्फ एक धार्मिक समारोह नहीं, बल्कि भाईचारे और सौहार्द का एक शानदार प्रदर्शन था। नरेंद्र पाल सिंह मनु और अरुण कुमार बबलू ने अपने विचारों से रमजान की अहमियत को और उजागर किया। मौलानाओं की दुआओं और लोगों की एकजुटता ने इस कार्यक्रम को रमजान की सच्ची भावना का प्रतीक बना दिया। यह पल हर किसी के लिए प्रेरणा और खुशी का स्रोत बन गया।
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