मरीजों के लिए अच्छी खबरः रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में न्यूरो सर्जरी शुरू
बुंदेलखंड के बांदा जनपद में अब तक कोई भी न्यूरो सर्जन नहीं था न्यूरो से सम्बंधित मरीजों को दूसरे जनपदों में जा कर उपचार के लिए जाना पड़ता था जिससे अक्सर मरीजों की मौत भी हो जाती थी।
बांदा। बुंदेलखंड के बांदा जनपद में अब तक कोई भी न्यूरो सर्जन नहीं था न्यूरो से सम्बंधित मरीजों को दूसरे जनपदों में जा कर उपचार के लिए जाना पड़ता था जिससे अक्सर मरीजों की मौत भी हो जाती थी। पिछले कुछ समय से बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में स्पेसलिस्ट सुपर स्पेसलिस्ट डाक्टरों की पोस्टिंग हो रही है जिससे मरीजों को जनपद में ही सारी सुविधाएं मिल रही हैं और मरीजों को दूसरे जनपदों में भटकना नहीं पड़ रहा ।
बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में अप्रैल माह में न्यूरो सर्जन डाक्टर अरविंद झा की नियुक्ति हो गई थी तब से वो लगातार मरीजों का उपचार कर रहे थे ऑपरेशन थिएटर में कुछ तकनीकी कमियों की वजह से अब तक ऑपरेशन बंद थे उन तकनीकी कमियों को दुरुस्त करने के बाद 17 जून शुक्रवार को न्यूरो सर्जन अरविंद झा और उनकी टीम ने एक दो वर्ष के बच्चे की सफल ब्रेन सर्जरी की, रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में इस तरह की ये पहली न्यूरो सर्जरी है । डाक्टर अरविंद झा ने इस सर्जरी के बारे में बताया कि उनके पास बांदा के मोहन पुरवा निवासी अजीज अपने दो वर्ष के बच्चे अनस को ले कर आये थे जांच कराने के बाद पता चला कि बच्चे को दिमाग की टी बी है और उसके दिमाग मे पानी भर गया है पानी के दबाव के कारण बच्चे को काफी दिक्कत थी मरीज के परिजनों को ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई तो वो तैयार हो गए और शुक्रवार को उस बच्चे का ऑपरेशन सफल ऑपरेशन रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में कर दिया गया ।
सवा घण्टे चले इस ऑपरेशन में न्यूरो सर्जन डाक्टर अरविंद झा के साथ डाक्टर सुशील पटेल एनेस्थीसिया, डाक्टर अखलेन्द्र एनेस्थीसिया, डाक्टर आदर्श एनेस्थीसिया, डाक्टर शिवम, ओ टी स्टाफ नर्स सुषमा, ओ टी टेक्नीशियन आशीष, एवं शिवम आदि ने सहयोग किया अजीज ने बताया कि वो काफी दिनों से अपने बच्चे जा इलाज करा रहा है प्राइवेट चिकिसकों से लेकर जिला अस्पताल तक वो सब कहीं गया। बच्चे के उपचार में उसकी पत्नी के जेवर बिक गए और खेत भी गिरवीं रख गए लेकिन बच्चा ठीक नहीं हुआ तब किसी ने उसे मेडिकल कालेज के डाक्टर अरविंद झा के बारे में बताया तब वो अपने बच्चे को ले कर मेडिकल कालेज आया और उसके बच्चे का सफल ऑपरेशन हो गया अजीज ने खुले कंठ से डाक्टर की सराहना की । डाक्टर अरविंद झा ने दिमाग की टी बी के बारे में बताया कि किसी टी बी के मरीज के संपर्क में आने से या पैदा होने के बाद टी बी का टीका न लगवाने से भी ये मर्ज हो सकता है । इस मर्ज के बारे में बताया कि हर इंसान के गिमाग रूटीन पानी बनता है और अपने आप शरीर मे अवशोषित हो जाता लेकिन दिमाग की टी बी हो जाने पर वो पानी शरीर मे अवशोषित नहीं होता और दिमाग मे ही इकट्ठा हो जाता है जिससे दिमाग मे दबाव बनता है और मरीज को उल्टी आना, चक्कर आना, सर दर्द होना धुंधला दिखना बेहोशी आना और कभी कभी दौरे भही पड़ने लगते हैं । डाक्टर झा ने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन में किसी भी बड़े शहर के प्राइवेट अस्पताल में 70-80 हज़ार रुपये खर्च हो जाते लेकिन हमारे यहां किसी तरह का कोई खर्च नहीं हुआ । चूंकि ये मरीज आयुष्मान योजना के अंतर्गत आया था तो सरकारी यूजर चार्ज भी इससे नहीं लिए गए ।
मेडिकल कालेज के प्रिंसपल मुकेश कुमार यादव ने इस सफल ऑपरेशन के लिए डाक्टर अरविंद झा और उनकी टीम को बधाई दी साथ ही आश्वासन दिया कि वो रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने की कोशिश में लगे हैं ताकि यहाँ के मरीजों को बाहर न भटकना पड़े ।