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मर्जर के विरोध में ग्रामीणों का हंगामा, शिक्षिका को स्कूल में किया बंद

प्रदेश सरकार के परिषदीय विद्यालयों के विलय (मर्जर) के आदेश ने जिले में विवाद खड़ा कर दिया है। सरवनखेड़ा ब्लॉक के मन्हापुर गांव में ग्रामीणों ने स्कूल मर्जर का विरोध करते हुए विद्यालय पहुंची शिक्षिका को स्कूल में बंधक बना लिया।

राजेश कटियार, कानपुर देहात। प्रदेश सरकार के परिषदीय विद्यालयों के विलय (मर्जर) के आदेश ने जिले में विवाद खड़ा कर दिया है। सरवनखेड़ा ब्लॉक के मन्हापुर गांव में ग्रामीणों ने स्कूल मर्जर का विरोध करते हुए विद्यालय पहुंची शिक्षिका को स्कूल में बंधक बना लिया। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने बच्चों को दूसरे गांव के विद्यालय में नहीं भेजेंगे, चाहे उन्हें पढ़ाई ही क्यों न छुड़वानी पड़े। सरवनखेड़ा विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय मन्हापुर का युग्मन प्राथमिक विद्यालय नारायणपुर के साथ किया गया है।

आज विद्यालय की शिक्षिका बीएसए का आदेश लेकर विद्यालय पहुंची और अभिभावकों से बच्चों को नारायणपुर भेजने का अनुरोध किया तो कुछ समय बाद गांव के करीब 50 अभिभावक विद्यालय पहुंच गए और विद्यालय की अध्यापिका सारिका दीक्षित को बंधक बना लिया। बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को नारायणपुर ले जाने का विरोध करने लगे। कुछ समय उपरांत गाँव के वरिष्ठ व्यक्ति रघुनाथ ने इस मामले में बीच बचाव किया कि यह सरकार का आदेश है शिक्षिका का क्या दोष? उन्हें क्यों बंधक बनाए हुए हैं तब करीब 2 घण्टे बाद ग्रामीणों ने स्कूल का ताला खोला। तब जाकर शिक्षिका कुछ बच्चों के साथ प्राथमिक विद्यालय नारायणपुर के लिए निकल सकी।

ग्रामीणों ने सरकार के इस फैसले को तुगलकी बताया और कहा कि अब उनके बच्चे 3 किलोमीटर पैदल वो भी नहर के रास्ते जा पाने में समर्थ नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने बच्चों को दूसरे गांव के विद्यालय में नहीं भेजेंगे, चाहे उन्हें पढ़ाई ही क्यों न छुड़वानी पड़े। इस मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से संपर्क की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने भी कॉल रिसीव नहीं किया। उधर ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी बात नहीं मानी गई तो वे आंदोलन करेंगे। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है और शिक्षा विभाग पर लापरवाही का आरोप लग रहा है। विरोध में रघुनाथ, विपिन, मीरा, कुलदीप, निखिल, अजय, वीरन, सोमवती, राम कुमार, विनोद, रिंकी आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।

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Author: aman yatra


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