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राजेश कटियार, लखनऊ/कानपुर देहात। ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध में यूपी के सभी जिलों में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट पर डीएम को ज्ञापन सौंपा गया। शिक्षकों का कहना है कि पहले उनकी मांग पूरी हों उसके बाद वो ऑनलाइन अटेंडेंस लगाना शुरू करेंगे। सोमवार को ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा से मुलाकात की और अपना ज्ञापन सौंपा। वहीं शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा उप्र ने पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया। यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो 23 जुलाई को पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ एवं अन्य लगभग सभी संगठनों ने भी बेसिक शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन किया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने की महानिदेशक स्कूल शिक्षा से मुलाकात-
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने महेंद्र कुमार के नेतृत्व में महानिदेशक स्कूल शिक्षा से मुलाकात की और उन्हें 13 सूत्री ज्ञापन सौंपा। संघ ने डिजिटाइजेशन और ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था को धरातल पर लागू करने में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों के बारे में जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि जब तक समाधान संबंधी कोई आदेश निर्गत नहीं होगा तब तक महासंघ का बहिष्कार और संघर्ष जारी रहेगा। महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह, प्रदेशीय संयुक्त मंत्री प्रदीप तिवारी व रविंद्र पंवार मौजूद थे।
ये हैं 13 सूत्रीय मांग पत्र-
अन्य विभागों की तरह आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में बेसिक शिक्षकों को भी न्यूनतम 15 हाफ डे लीव अवकाश का विकल्प दिया जाए जिससे आकस्मिकता की स्थिति में शिक्षक हाफ डे लीव अवकाश का उपभोग कर सकें।
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह 31 ईएल दी जाए। यदि इसमें कोई विशेष विधिक समस्या है तो महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी प्रिविलेज अवकाश (पीएल) दिया जाए।
बेसिक शिक्षा विभाग में भी अवकाश के दिनों में कार्य करने पर देय प्रतिकर अवकाश का विकल्प मानव संपदा पोर्टल पर दिया जाए।
किसी आकस्मिक घटना अथवा आपदा की स्थिति में यदि शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी निर्धारित समय के पश्चात 1 घंटे की अवधि या माह में अधिकतम 5 घंटे तक देरी से उपस्थित होने पर अनुपस्थित न माना जाए।
बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह निःशुल्क कैशलेश चिकित्सा दी जाए।
प्राकृतिक आपदा/स्थानीय स्तर पर मौसम की प्रतिकूलता, जनपद स्तरीय विभागीय कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की स्थिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ऑनलाइन उपस्थिति से शिथिलता प्रदान करने का अधिकार दिया जाए।
ऑनलाइन उपस्थिति सहित पंजिकाओं का डिजिटालाइजेशन सर्वर की उपलब्धता व टैबलेट के सुचारू संचालन के अधीन है इसलिए एक समय मे अधिक लोड से सर्वर क्रैश होने अथवा टैबलेट के खराब होने पर वकल्पिक व्यवस्था का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए।
डिजिटाइजेशन की वर्तमान ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था भेदभाव पूर्ण,असुरक्षा की भावना व शोषणकारी होने से शिक्षक की सृजनात्मक क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जिससे शिक्षण कार्य भी प्रभावित होगा इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग में ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था महानिदेशक कार्यालय से लेकर विद्यालय स्तर तक कार्य करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के समस्त घटक कार्यालयों पर समान रूप से लागू किया जाए।
शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त किया जाए। शिक्षकों, शिक्षिकाओं से लिए जाने वाले कार्यों की सूची जारी की जाए।
प्रमोशन, सामान्य स्थानांतरण, पारस्परिक-जनपदीय, अंतर्जनपदीय स्थानांतरण, समायोजन शीघ्र ससमय कराए जाएं।
17140/18150 लंबित प्रोन्नत वेतन विसंगति की समस्या शीघ्र निस्तारित की जाए।
शिक्षामित्र, अनुदेशकों को सम्मानजनक मानदेय दिया जाए। शिक्षकों की तरह इनके भी पारस्परिक व सामान्य स्थानांतरण सहित अन्य समस्याओं का निस्तारण किया जाए।
रसोइयों से 11 माह का कार्य लिया जाता है लेकिन 10 माह का ही मानदेय दिया जाता है इसलिए रसोइयों को 11 माह का मानदेय दिया जाए।
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