लखनऊ / कानपुर देहात। परिषदीय स्कूलों में शिक्षण सुविधाओं के साथ ही साथ स्वास्थ्य एवं साफ-सफाई आदि की व्यवस्था को पूरा कराने के लिए शासन की ओर न से पीपी भेजी गई कंपोजिट ग्रांट का उपभोग मार्च तक किया जाना है लेकिन जनपद के 1926 स्कूलों के सापेक्ष करीब 30 प्रतिशत स्कूलों ने ही धनराशि का उपभोग किया है।
विभागीय शिक्षकों के मुताबिक शत प्रतिशत ग्रांट के उपभोग को लेकर मुख्य रूप से पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) खातों का संचालन किस प्रकार से किया जाए, इसके लिए प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण ही मुहैया नहीं कराया गया है। फलस्वरूप धनराशि का उपभोग करने के लिए प्रधानाध्यापकों को
बीआरसी और बीएसए कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं जबकि इस कंपोजिट धनराशि का तय मार्च 2023 तक उपभोग नहीं हुआ तो यह लैप्स हो जाएगी।
शिक्षकों के मुताबिक कंपोजिट ग्रांट के उपभोग के लिए वर्तमान शैक्षिक सत्र से पीएफएमएस के माध्यम से खातों का संचालन आवश्यक कर दिया गया है। खातों के संचालन के लिए कई ब्लॉकों में तो यह स्थिति है कि बीआरसी के ऑपरेटर ही शिक्षकों को खाता संचालन का तरीका बता रहे हैं साथ ही बेझिझक खातों का संचालन करने में मदद कर रहे हैं। कंपोजिट ग्रांट बीते वर्ष अगस्त में ही सभी स्कूल के खातों में भेजी गई थी लेकिन 5 माह बाद भी धनराशि का उपभोग शिक्षक नहीं कर पा रहे हैं जिसकारण खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को खाते का संचालन कैसे करें की जानकारी विभिन्न बैठकों में दे रहे हैं।
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