औरैयाउत्तरप्रदेश

माहवारी स्वच्छता दिवस (28 मई ) पर विशेष

व्यक्तिगत स्वच्छता को बनाए रखने के लिए बार-बार हाथों को साबुन-पानी से धुलने की सलाह दी जाती है। घर पररहने के अलावा संतुलित आहार और व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।

Story Highlights
  • माहवारी में इम्युनिटी कम होने से रहती है इंफेक्शन की संभावना
  • सेहत और सुरक्षा के लिए  सेनेटरी पैड्स के लिए तय हैं मानक

औरैया,अमन यात्रा । व्यक्तिगत स्वच्छता को बनाए रखने के लिए बार-बार हाथों को साबुन-पानी से धुलने की सलाह दी जाती है। घर पररहने के अलावा संतुलित आहार और व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। इससे शरीर को बीमारियों से लड़ने में आसानी होगी, लेकिन पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर और भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। महिलाओं और किशोरियों को सुरक्षित और स्वच्छ मासिक धर्म का अनुपालन करने के लिए सही उत्पादों,  सूचना और  सुविधाओं के उपयोग के बारे में जागरूक बनाने के लिये हर साल 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया जाता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि माहवारी के दौरान महिलाओं में बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है। ऐसे में उनमें इंफेक्शन की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए, मासिक धर्म स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान देना चाहिए।

 

मासिक धर्म स्वच्छता बनाए रखने के टिप्स-

 

100 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अस्मिता का कहना है कि हर महिला को मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है, क्योंकि इस समस्य शरीर की गंदगी ब्लड के रूप में बाहर आती है। इस दौरान अगर लापरवाही बरती जाती है, तो संक्रमण होने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए कुछ बातों का खास ख्याल चाहिए। हर चार से पांच घंटे में अपना  सेनेटरी  नैपकिन बदलें और हर बार सैनेटरी पैड्स बदलते समय अपने प्राइवेट पार्ट्स को धोकर साफ करें। इस्तेमाल किए पैड को पेपर में लपेटकर डस्टबिन में डालें।  बेडशीट भी बदलती रहें। पैड बदलने के बाद अच्छी तरह से हाथ धुलें।

 

शारीरिक व मानसिक व्यायाम भी जरूरी-

 

डॉ अस्मिता बताती हैं कि योगा, मेडिटेशन और हल्के व्यायाम पीरियड्स के दिनों में अच्छे साबित हो सकते हैं। इससे बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है। हालांकि, कड़ी एक्सरसाइज करने की मनाही होती है। मासिक धर्म के दौरान विटामिन और प्रोटीन से भरपूर आहार का सेवन करें। आहार में फल, अंकुरित अनाज, डेयरी प्रोडक्ट्स और सूखे मेवे शामिल करें। इस समय मांसाहारी आहार न लेना ही बेहतर होगा। आराम करें, तनाव से बचें। कम से कम आठ घंटे की नींद लें, शरीर को आराम देने के लिए पर्याप्त समय निकालें।

सेहत और सुरक्षा के लिए सैनेटरी पैड्स के लिए तय हैं मानक।

मासिक धर्म में जिन  सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल स्वच्छता और सुरक्षा के लिए किया जाता है वह पूरी तरह से सुरक्षित हों और उससे महिलाओं की सेहत पर बुरा असर भी न पड़े, इसके लिए सरकार ने मानक तय कर रखे हैं। इंडियन ब्यूरो ऑफ़ स्टैंडर्ड्स ने सैनेटरी पैड के लिए यह मानक मूल रूप से सन 1969 में प्रकाशित किया था जिसे फिर 1980 में संशोधित किया गया| समय-समय पर इसमें बदलाव भी किए जाते रहे हैं।”सैनिटरी नैपकिन” या “सैनिटरी पैड” मासिक धर्म के दौरान रक्त को सोखने के लिए उपयोग किया जाता है। आईएस 5405 में मानदंडों और नियमों का विस्तृत विवरण है, जिसका सैनिटरी पैड निर्माताओ कों पालन करना होता है।

 

माहवारी स्वच्छता दिवस पर आयोजित होंगे जागरूकता कार्यक्रम-

 

किशोरियों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के लिए  सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के उददेश्य से जनपद में इस दिवस पर शनिवार को विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर वृहद स्तर पर जानकारी का प्रचार-प्रसार किया जाना है। इस संबंध में मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उप्र ने समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र जारी किया है।  पत्र में जिक्र है कि यह एक उपयुक्त समय है कि जब हम किशोर-किशोरियों को स्वास्थ्य संदेशों के साथ संबंधित जोखिम कारकों एवं जोखिमों को कम करने के उपायों के बारे में जानकारी दें।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

AD
Back to top button