मिलावटी तेल खराब कर सकता स्वाद और सेहत, जानिए- क्या होती मिलावट और कैसे करें पहचान
होली का त्योहार आते ही तेल से देशी घी तक में मिलावट का कारोबार शुरू हो जाता है। तेल की बोतल पर सरसों नहीं लिखा होता है लेकिन सरसों का तेल बताकर दुकानों धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। मिलावटी तेल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
कानपुर, अमन यात्रा । होली पर पकवान बनाने हों या चिप्स पापड़ तलने हों, देशी घी, रिफाइंड, सरसों के तेल की जरूरत तो पड़ती ही है, लेकिन इनमें से कोई भी चीज ऐसी नहीं है जिसमें मिलावट न की जा रही हो। त्योहार पर खपत बढऩे की वजह से शुद्ध के साथ मिलावटी माल भी बेचा जा रहा है। सरसों के तेल की मिलावट तो लाही और तेल की कीमत जानकर ही पता लगाई जा सकती है।
सरसों के तेल में सबसे ज्यादा मिलावट होती है। तीन किलो लाही में एक किलो तेल निकलता है। इस समय लाही का भाव 55 रुपये किलो है, लेकिन बाजार में एक लीटर सरसों का तेल 100 से 140 रुपये तक मिल रहा है। साफ है कि उसमें दूसरे तेल भी मिलाए जा रहे हैं। सरसों के तेल में पाम आयल, राइस ब्रान के अलावा आर्जीमोन, गुल्लू, अलसी का तेल भी मिलाया जाता है।
आर्जीमोन और अलसी के तेल का स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। इनकी मिलावट कर सरसों के तेल की कीमत कम की जाती है। यूं तो आठ जून 2021 से सरसों के तेल में किसी दूसरे तेल की मिलावट कर उस पर सरसों का तेल नहीं लिखा जा सकेगा, लेकिन अभी तेल में मिलावट चल रही है। बाजार में सरसों की तरह दिखने वाले ऐसा तेल भी मिल रहा है, जिसकी बोतल पर सरसों तो नहीं लिखा है लेकिन तेल सरसों का कहकर ही बाजार में बेचा जा रहा है। इसका रंग भी सरसों के तेल की तरह है। इसका भाव 100 से 110 रुपये के बीच है। इसके अलावा घी में भी मिलावट हो रही है। देशी घी में वनस्पति घी और रिफाइंड तक मिला दिया जाता है।
इनकी होती मिलावट और ऐसे करें जांच
- -सरसों के तेल में अरंडी के तेल की मिलावट जांचने के लिए एक परखनली में एक मिलीलीटर तेल लें। इसमें 10 मिली अम्लीयकृत पेट्रोलियम ईथर मिलाएं। दो मिनट तेजी से हिलाएं। अब इसमें एक बूंद अमोनियम मालिब्डेट रीजेंट मिलाएं। यदि पूरा मिश्रण धुंधला दिखे तो उसमें मिलावट है।
- -आर्जीमोन की मिलावट जांचने के लिए पांच मिली तेल में पांच मिली सांद्र नाइट्रिक अम्ल मिलाएं। मिश्रण धीरे-धीरे हिलाएं। पीले और नारंगी पीले रंग को अलग होने दें। यदि निचला अम्लीय तल गाढ़ा लाल हो जाए तो यह मिलावटी है।
- -देशी घी में उबले आलू, शकरकंद, चावल की मांड की मिलावट जांचने के लिए पांच मिली घी को परखनली में रखकर उबालें। ठंडा होने पर इसमें एक बूंद आयोडीन घोल मिलाएं। यदि रंग पीला हो जाए तो इसका मतलब है कि उसमें मांड है। गर्म करने पर रंग गायब हो जाएगा, लेकिन ठंडा होने पर फिर दिखने लगेगा।
- -देशी घी में वनस्पति घी की मिलावट जांचने के लिए परखनली में पांच मिली लीटर देशी घी लीजिए। इसमें पांच मिली हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा दो फीसद रूसी घोल या शर्करा क्रिस्टल का 0.4 मिली मिलाएं। दो मिनट तक हिलाएं, यदि मिश्रण का रंग गुलाबी या लाल हो जाए तो पता चल जाता है कि घी में वनस्पति की मिलावट है।
- -देशी घी में पुराने घी की मिलावट जांचने के लिए एक चम्मच पिघले घी और पांच मिलीर अम्ल अवरोधक परखनली में लें। इसे 30 सेकेंड तक तेजी से हिलाएं। इसमें फ्लोरोग्लूसिनोल के 0.1 फीसद ईथर घोल का पांच मिलीलीटर मिलाएं। इसे 30 सेकेंड तक हिलाएं और उसके बाद 10 मिनट स्थिर रहने दें। यदि निचला भाग गुलाबी या लाल हो जाए तो मिलावट है।
मिलावट से ये होते नुकसान
सरसों के तेल में आर्जीमोन तेल की मिलावट से नेत्र रोग, हृदय रोग, ट्यूमर, वेट बेरी बेरी से मिलता जुलता जलोदर हो जाता है। वहीं इसमें खनिज तेल मिलाने से लिवर रोग व कैंसर की शुरुआत होती है।
Author: AMAN YATRA
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