मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा बोले- मेरे कार्यकाल में समय पर ही होंगे चुनाव

सुनील अरोड़ा ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि निर्वाचन आयोग कुछ राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव समय पर कराने में समर्थ होगा और इसके लिए आंतरिक कवायद शुरू कर दी गई है. अगले साल मई-जून में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं.

अरोड़ा ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि निर्वाचन आयोग कुछ राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव समय पर कराने में समर्थ होगा और इसके लिए आंतरिक कवायद शुरू कर दी गई है. अगले साल मई-जून में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं.

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को ऐसा महसूस कराया गया जैसे महामारी के बीच बिहार में चुनाव कराकर उसने कोई ‘‘दुस्साहस’’ किया है, लेकिन ‘‘इसके पीछे भरोसा था, आयोग ने अंधेरे में छलांग नहीं लगाई.’’

अरोड़ा ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘जब आप भरोसे की छलांग शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो आप इसका इस्तेमाल किसी नाटकीय संवाद के रूप में नहीं करते. इसके पीछे काफी तैयारी की गई. किसी भी चुनाव में, हम जरूरत के हिसाब से कड़ी मेहनत करते हैं. लेकिन कोविड-19 के बीच इस तरह के चुनाव में यह अधिक भारी-भरकम और चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया.’’

यह पूछे जाने पर कि क्या निर्वाचन आयोग ने उन लोगों को गलत साबित कर दिया है जो चुनाव कराने के निर्णय को गलत बता रहे थे, अरोड़ा ने कहा कि वह ऐसा नहीं कहेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘यह कहने का काम मीडिया, देश के लोगों, मतदाताओं, संबंधित सभी पक्षों का है. मेरे लिए यह कहना कि हमने उन्हें गलत साबित कर दिया है, थोड़ा ठीक नहीं है.’’

अरोड़ा ने बिहार विधानसभा चुनाव में डाक मतपत्रों की गिनती से संबंधित विपक्ष के आरोपों के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया और कहा कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संवाददाता सम्मेलन में एक-एक बिन्दु का पहले ही जवाब दे चुके हैं.

यह पूछे जाने पर कि स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति में चुनाव कराकर निर्वाचन आयेाग ने क्या साबित किया है, अरोड़ा ने कहा कि चुनाव इकाई ने अपने आप में कुछ भी साबित नहीं किया है क्योंकि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराना संविधान के तहत एक दायित्व है. उन्होंने कहा, ‘‘हां, निर्वाचन आयोग किसी भी चुनौती पर खरा उतर सकता है और यह कोविड-19 संबंधी चुनौती पर भी खरा उतरा.’’

अरोड़ा ने कहा, ‘‘बाकी मूल्यांकन करना देश के लोगों पर है। हमारे अनेक सहकर्मियों द्वारा किए गए ट्वीट को देखकर ऐसा लगता है कि हर ओर से प्रशंसा मिली है। नि:संदेह आलोचक भी हो सकते हैं और वे होने भी चाहिए क्योंकि वे भी व्यवस्था का हिस्सा हैं.’’ अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आयोग आंतरिक कवायद कर रहा है. ‘‘इस मामले में हम कभी आराम नहीं करते। यह एक सतत प्रक्रिया है।’’

यह पूछे जाने पर कि यदि कोविड-19 जारी रहता है तो क्या उन्हें विश्वास है कि निर्वाचन आयोग अगले विधानसभा चुनाव समय पर कराने में समर्थ होगा, उन्होंने कहा कि उनका कार्यकाल 13 अप्रैल 2021 तक है। उन्होंने कहा, ‘‘उससे पहले जो भी चुनाव होंगे, समय पर होंगे।’’ अगले साल मई-जून में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं।

Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

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