मुख्य विकास अधिकारी ने 21 वीं पशुगणना हेतु गणनाकारों को की किट वितरित, ओटीपी के माध्यम से होगी पशु गणना
जनपद की 06 तहसीलों के अन्तर्गत 10 विकास खण्ड के 618 ग्राम पंचायतों एवं 02 नगर पालिका एवं 11 नगर पंचायतों में 21वीं पशुगणना का कार्य डिजिटल माध्यम से किया जाना है उसी के तहत शासन के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी की उपस्थिति में आज विकास भवन सभागार में उपलब्ध कराई गई
- गणनाकारों एवं जनसहयोग से पशु गणना का कार्य त्रुटी रहीत शतप्रतिशत कराएं पूर्ण
- गणना में न बरती जाए किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही:-मुख्य विकास अधिकारी
कानपुर देहात। जनपद की 06 तहसीलों के अन्तर्गत 10 विकास खण्ड के 618 ग्राम पंचायतों एवं 02 नगर पालिका एवं 11 नगर पंचायतों में 21वीं पशुगणना का कार्य डिजिटल माध्यम से किया जाना है उसी के तहत शासन के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी की उपस्थिति में आज विकास भवन सभागार में उपलब्ध कराई गई किटों का वितरण किया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि पशुओं की गणना के लिए शासन से प्राप्त कीटों का वितरण कर दिया गया है। पशुपालन विभाग द्वारा हर 5 वर्ष में पशुओं की गणना कराई जाती है। जनपद में 21वीं पशुगणना हेतु 25 सुपरवाइजर (उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/पशु चिकित्साधिकारी) के अन्तर्गत 130 गणनाकार को लगाया गया है जिनमें पशुधन प्रसार अधिकारी/पैरावेट/पशु मैत्री सम्मिलित है जो सभी अपने ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में पशुगणना का कार्य करेगें।
किट में बैग के साथ पशुगणना अनुसूची व पशु पहचान पुस्तिका के साथ मोबाइल फोन का पावर बैंक आदि दिया गया।मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने सभी गणनाकारों को पहचान पत्र जारी किया एवं पशुगणना संबंधी जानकारी दी गयी। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि गणनाकारों द्वारा सभी पालतू पशुओं एवं पक्षियों की गणना ओटीपी के माध्यम से आनलाइन करेंगे साथ ही आवारा पशु की भी गणना की जायेगी एवं जनसहयोग से पशु गणना का कार्य शत प्रतिशत संभव हो सकेगा। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एवं अन्य पशु चिकित्साधिकारियों से कहा कि गणना के समय कोई भी पशु छूटने न पाए साथ ही किसी ऐसे चिन्ह का उपयोग किया जाए जिससे भविष्य में यह पता चल सके कि किस पशु की गणना पूर्व में हो चुकी है अथवा नहीं जिससे पशुपालन विभाग की योजनाओं को सही तरीके से भविष्य में बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने सभी उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एवं पशु चिकित्साधिकारियों से कहा कि पशुपालकों व किसानों से भी अपील की जाए कि वे सरकार के इस महत्वपूर्ण कार्य में सकारात्मक सहयोग दें। कार्यक्रम में डा० सुबोध कुमार मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एवं उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/पशु चिकित्साधिकारी आदि उपस्थित रहे।