मुझे नहीं पता था कि अलीगढ़ पुलिस इतनी नपुंसक है : ट्रैफिक इंस्पेक्टर
अलीगढ़ की कोतवाली बन्ना देवी क्षेत्र के नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित मालवीय पुस्तकालय के पास देर रात भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा ट्रैफिक इंस्पेक्टर के साथ गाड़ी से खींचकर मारपीट की जाने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कम मच गया और आनन फानन में पुलिस उच्चअधिकारी समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स घटनास्थल पर पहुंच गई।
एजेंसी, अलीगढ़:- अलीगढ़ की कोतवाली बन्ना देवी क्षेत्र के नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित मालवीय पुस्तकालय के पास देर रात भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा ट्रैफिक इंस्पेक्टर के साथ गाड़ी से खींचकर मारपीट की जाने की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कम मच गया और आनन फानन में पुलिस उच्चअधिकारी समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स घटनास्थल पर पहुंच गई। मौके पर पहुंचे पुलिस उच्चअधिकारियों के सामने भी भाजपा के गुंडे कार्यकर्ताओं द्वारा ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश यादव के साथ लगातार बदसलूकी ओर खींचतान करते हुए उसके साथ मारपीट करते रहे हैं।
बमुश्किल से पुलिस कर्मियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के चुंगल से ट्रैफिक इंस्पेक्टर बचा कर लहूलुहान हालत में मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। तो वहीं भाजपा कार्यकर्ता ट्रैफिक इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली अलीगढ़ कानपुर नेशनल हाईवे-91 पर बीच सड़क धरने पर बैठ गए। जिसके चलते सड़क पर दोनों तरफ जाम लग गया। इस दौरान ट्रैफिक इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर सड़क पर जाम लगाकर धरना प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को मौके पर मौजूद पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा कार्रवाई किए जाने का आश्वासन देते हुए मामले को शांत कराया गया ओर करीब 2 घंटे की कड़ी मस्क्कत के बाद सड़क पर लगे जाम को खुलवाते हुए वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से शुरू कराया गया।
वहीं भाजपा कार्यकर्ता का आरोप है कि इस घटना से एक दिन पहले वह बस अड्डे की तरफ से रेलवे स्टेशन के सामने बने पेट्रोल पंप की तरफ आ रहा था। तभी गाड़ी मोड़ते वक्त तेज रफ्तार में आ रही पुलिस की सरकारी गाड़ी से उसकी गाड़ी टकराने से बाल बाल बच गई। तो वहीं तेज रफ्तार होने के चलते पुलिस की सरकारी गाड़ी स्लिप हो गई। आरोप है कि इस दौरान पुलिस की सरकारी गाड़ी में मौजूद ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश यादव नशे की हालत में था। इस घटना की सूचना उसके द्वारा फोन कर अपने परिवार के लोगों सहित भाजपा कार्यकर्ताओं को दी। जिसके बाद उसके द्वारा बन्नादेवी थाने में ट्रैफिक इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग को लेकर तहरीर दी गई थी। इसके साथ ही कहा कि मैं भाजपा का कार्य करता हूं और अगर ट्रैफिक इंस्पेक्टर सरकारी आदमी है तो शराब पीकर गाड़ी थोड़ी ना चलाएगा।
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इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश यादव और पुलिस कर्मियों के साथ की गई बदसलूकी ओर मारपीट के मामले को पूरी तरह से खारिज करते हुए पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट किए जाने से साफतौर पर इंकार कर दिया। जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा ट्रैफिक इंस्पेक्टर के साथ की गई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा की गई मारपीट में घायल ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश यादव का कहना है कि जब तक मेरी नौकरी रहेगी तब तक मैं याद रखूंगा कि इंस्पेक्टर और सीओ के सामने मेरी हालत हुई है। मुझ पर झूठे इल्जाम लगाए जा रहे हैं कि मैंने शराब पी। लेकिन मैं आज तक शराब की एक बूंद नहीं पी। ये मेरी हालत की गई इन लोगों की मौजूदगी में, मुझे नहीं पता था कि इतनी नपुंसक पुलिस है अलीगढ़ की। मेरे साथ मारपीट की गई मेरे कपड़े फाड़े मेरे खून निकल आया है मैं यहां पर सरकारी काम से आया था। तभी एक संदिग्ध गाड़ी को मौके पर पहुंच कर चेकिंग किए जाने को लेकर एसएसपी के पीआरओ का फोन उसके पास पहुंचा था।
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आरोप है कि उस संदिग्ध गाड़ी को चेक करने के बाद वह अपनी पुलिस की सरकारी गाड़ी में बैठकर जाने लगा। तभी एक मॉडिफाई बुलेट बाइक में लगें साइलेंसर से बहुत तेज आवाज आ रही थी। जो मॉडिफाई बुलेट कुछ दूरी पर पहुंचने के बाद उसको रास्ते में मिल गई और उसे मॉडिफाई बुलेट को उसके द्वारा रोका गया था। तभी मॉडिफाई बुलेट बाइक पर सवार युवक के द्वारा कुछ तथाकथित पार्टी के पदाधिकारी को मौके पर बुला लिया। जिसके बाद मौके पर पहुंचे तथाकथित पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उसके साथ मारपीट करते हुए उसके कपड़े फाड़ दिए। आरोप है कि इस दौरान मौके पर मौजूद इंस्पेक्टर बन्नादेवी और सीओ मौजूदगी में उसके साथ बदसलूकी ओर गाड़ी से खींचतान करते हुए मारपीट की गई। वहीं मारपीट में घायल ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने तथाकथित पार्टी के पदाधिकारी द्वारा उसके ऊपर शराब का सेवन किए जाने को लेकर लगाएं गए इल्जाम को साफतौर से इनकार किया है। इसके साथ ही पीड़ित इंस्पेक्टर अपने ऊपर लगाए इल्जाम को झूठ और निराधार बताया है।
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वहीं इस मामले पर जिला मलखान सिंह अस्पताल की इमरजेंसी पर तैनात डॉक्टर वैभव जैन का कहना है कि पुलिस के द्वारा मारपीट में चोटिल ट्रैफिक इंस्पेक्टर कमलेश यादव को मेडिकल परीक्षण हेतु मौका मुआयना और अल्कोहल की जांच के लिए अस्पताल लाया गया था। जहां डॉक्टरों द्वारा ट्रैफिक इंस्पेक्टर को लेकर की गई प्रथम दृष्टिया जांच में अल्कोहल की पुष्टि नहीं पाई गई। एसपी ट्रैफिक मुकेश कुमार का कहना है कि रात में कुछ संदिग्ध गाड़ियां कंट्रोल रूम पर खड़ी थी। उसकी चेकिंग के लिए टीआई को मौके पर बुलाया गया था। गाड़ी की चेकिंग करने के बाद एक पटाखा बाइक जाते हुए दिखाई दी। जो पेट्रोल खत्म होने के कारण बंद हो गई। उसी को लेकर यह लोग उसको सीज करने के लिए और कार्यवाही के लिए यहां पर पेट्रोल पंप पर लाए थे कि पेट्रोल डलवा कर उसको ले जाएंगे। तभी कुछ लोगों के द्वारा आरोप लगाया गया कि उनके द्वारा बदतमीजी की गई और उनके द्वारा दुर्ब्यावहार किया गया। उसी के संबंध में आरोप प्रत्यारोप लगाए गए हैं। जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। पूरे प्रकरण की जांच कर जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसके आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।