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30 अक्टूबर से नए रूप में दिखेगी पुष्पक एक्सप्रेस, एलएचबी कोच से बढ़ेगी रफ्तार

आखिरकार कई साल के लंबे इंतजार के बाद वीआइपी ट्रेनाें में शुमार पुष्पक एक्सप्रेस का कलेवर बदलने जा रहा है। इस ट्रेन में अब नीली कनवेंशनल बोगियों की जगह लाल लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) क्लास की बोगियां लगेंगी। रेलवे बोर्ड ने पुष्पक एक्सप्रेस के एलएचबी रैक का आवंटन कर दिया है। यह रैक अगले सप्ताह लखनऊ और मुंबई पहुंच जाएगा। 

लखनऊ, अमन यात्रा । आखिरकार कई साल के लंबे इंतजार के बाद वीआइपी ट्रेनाें में शुमार पुष्पक एक्सप्रेस का कलेवर बदलने जा रहा है। इस ट्रेन में अब नीली कनवेंशनल बोगियों की जगह लाल लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) क्लास की बोगियां लगेंगी। रेलवे बोर्ड ने पुष्पक एक्सप्रेस के एलएचबी रैक का आवंटन कर दिया है। यह रैक अगले सप्ताह लखनऊ और मुंबई पहुंच जाएगा।

लखनऊ से मुंबई की 1400 किलोमीटर की यात्रा के लिए पुष्पक एक्सप्रेस के तीन रैक की जरूरत पड़ती है। पुष्पक एक्सप्रेस के एक रैक में इस समय 24 कनवेंशनल बोगियां होती हैं। जिसमें दो एसएलआर और एक रसोई यान की बोगी होती है। अब नए रैक के आवंटन के बाद पुष्पक एक्सप्रेस में 21 की जगह 18 बोगियां ही लगेंगी। प्रत्येक बोगी में यात्रियों के लिए 10 प्रतिशत सीटें अधिक होने के कारण तीन बोगी कम होने के बावजूद सीटों की संख्या कम नहीं होगी। रेलवे बोर्ड ने पुष्पक एक्सप्रेस के लिए 60 बोगियों का आवंटन कर दिया है। प्रत्येक रैक में 18 बोगियां होती हैं।

अब 30 अक्टूबर से पुष्पक एक्सप्रेस में मुंबई से एलएचबी बोगियां लगेंगी। जबकि लखनऊ जंक्शन से एक नवंबर से एलएचबी क्लास की बोगियां लगेंगी। पुष्पक एक्सप्रेस में सेकेंड सीटिंग क्लास की दो ही बोगियां हाेंगी। हालांकि पहले इन बोगियों की संख्या पांच थी। इसके अलावा स्लीपर क्लास की 12 की जगह पांच बोगियां लगेंगी। जबकि एसी थर्ड की चार, एसी इकोनोमी क्लास की दो, एसी सेकेंड की एक, एसी फर्स्ट की एक जबकि पेंट्रीकार की एक और लगेज यान की दो बोगियां होंगी।

एसी थर्ड इकानोमी बोगी में 83 सीटें होंगी। कनवेंशनल कोच में अभी 64 सीटें ही एसी थर्ड बोगी में होती हैं। पुष्पक एक्सप्रेस को उसकी बेहतर सेवा के लिए आइएसओ प्रमाण पत्र दिया गया था। हालांकि यह प्रमाण पत्र अब पुष्पक एक्सप्रेस से वापस ले लिया गया है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक नए रैक के आने से पुष्पक एक्सप्रेस को फिर से आइएसओ प्रमाण पत्र मिलने की उम्मीद भी बढ़ गई है।

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Author: pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

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