अपना देश

मोदी कैबिनेट ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना और एक करोड़ डेटा केंद्रों की स्थापना को दी मंजूरी

मोदी कैबिनेट ने आज आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को मंजूरी दी. केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कैबिनेट की बैठक के बाद इसकी जानकारी दी.

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को 1 अक्टूबर 2020 को लागू माना जाएगा. सरकार इसके लिए 22,810 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगी. मौजूदा वित्त वर्ष में इस पर 1584 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस स्कीम से 58.5 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस योजना अवधि में लगभग 58.5 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार एक अक्‍टूबर 2020 को या उसके बाद और 30 जून, 2021 तक शामिल सभी नए कर्मचारियों को दो वर्ष की अवधि के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी.

बयान में कहा गया, ‘‘जिस कंपनी में 1000 कर्मचारी हैं वहां केन्‍द्र सरकार दो वर्ष की अवधि के लिए 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान और 12 प्रतिशत नियोक्‍ता योगदान (दोनों) वेतन भत्तों का 24 प्रतिशत ईपीएफ में योगदान देगी.’’

किसे मिलेगा लाभ?

इसके मुताबिक जिन रोजगार प्रदाता संगठनों में 1000 से अधिक कर्मचारी हैं वहां केन्‍द्र सरकार नए कर्मचारियों के संदर्भ में दो वर्ष की अवधि के लिए ईपीएफ में केवल 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान देगी.

कोई कर्मचारी जिसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और वह किसी ऐसे संस्‍थान में काम नहीं कर रहा था जो एक अक्‍टूबर 2020 से पहले कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) से पंजीकृत था और उसके पास इस अवधि से पहले यूनिवर्सल एकाउंट नंबर या ईपीएफ सदस्‍य खाता नंबर नहीं था तो वह इस योजना के लिए पात्र होगा.

कोई भी ईपीएफ सदस्‍य जिसके पास यूनिवर्सल एकाउंट नंबर है और उसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और यदि उसने कोविड महामारी के दौरान इस वर्ष मार्च से सितंबर के बीच की अवधि में अपनी नौकरी छोड़ दी और उसे ईपीएफ के दायरे में आने वाले किसी रोजगार प्रदाता संस्‍थान में सितंबर तक रोजगार नहीं मिला है तो वह भी इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र है.

बयान में कहा गया कि सदस्‍यों के आधार संख्‍या से जुड़े खाते में ईपीएफओ इलेक्‍ट्रॉनिक तरीके से इस योगदान का भुगतान करेगा. इस योजना के लिए ईपीएफओ एक सॉफ्टवेयर को विकसित करेगा और एक पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी.

कैबिनेट ने एक करोड़ डेटा केंद्रों की स्थापना करने को भी मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री वाणी’ योजना के माध्यम से सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क के प्रसार की रुपरेखा मंजूर की है.

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

AD
Back to top button