मोबाइल की लत: बच्चों का भविष्य दांव पर

आज के युग में जहां तकनीक लगातार विकसित हो रही है, वहीं बच्चों का मोबाइल फोन के प्रति झुकाव भी बढ़ता जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को निपुण बनाने के लिए मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल बढ़ाना चिंता का विषय बन गया है।

कानपुर देहात: आज के युग में जहां तकनीक लगातार विकसित हो रही है, वहीं बच्चों का मोबाइल फोन के प्रति झुकाव भी बढ़ता जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को निपुण बनाने के लिए मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल बढ़ाना चिंता का विषय बन गया है। हालांकि, मनोवैज्ञानिकों और बाल रोग विशेषज्ञों का मानना है कि मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित कर रहा है।

निपुण लक्ष्य ऐप: एक विरोधाभास

कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को निपुण घोषित करने के लिए निपुण लक्ष्य ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन, यह ऐप बच्चों को किताबों से दूर कर रहा है और उनकी पढ़ाई को तकनीक पर निर्भर बना रहा है। जबकि किताबें बच्चों के कल्पनाशीलता और रचनात्मकता को बढ़ाती हैं, वहीं मोबाइल स्क्रीन बच्चों की आंखों और मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।

फ्रांस का उदाहरण और भारत में मांग

फ्रांस ने नर्सरी और प्राथमिक विद्यालयों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय बच्चों के शैक्षिक और मानसिक विकास को प्राथमिकता देने का एक सकारात्मक कदम है। भारत में भी कई लोग बच्चों के मोबाइल इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।

मोबाइल की लत के दुष्प्रभाव

बाल रोग विशेषज्ञों के अनुसार, मोबाइल की लत से बच्चों को कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:

  • आंखों की रोशनी कम होना
  • चिड़चिड़ापन
  • चिंता और अवसाद
  • नींद की समस्या
  • सामाजिक कौशल में कमी
  • ऑनलाइन साइबर क्राइम का शिकार होना

माता-पिता की भूमिका

माता-पिता को बच्चों को मोबाइल के इस्तेमाल से दूर रखने के लिए जागरूक होना होगा। उन्हें बच्चों को खेलकूद, पढ़ाई और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रखना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों को मोबाइल के नुकसान के बारे में बताना भी जरूरी है।

मोबाइल फोन तकनीक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इसका अत्यधिक इस्तेमाल बच्चों के विकास के लिए हानिकारक हो सकता है। हमें बच्चों को किताबों और खेलकूद की ओर प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वे एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जी सकें। सरकार और शिक्षाविदों को मिलकर बच्चों के लिए एक ऐसा माहौल तैयार करना चाहिए जहां वे तकनीक का उपयोग करते हुए भी अपने शारीरिक और मानसिक विकास को प्राथमिकता दें।

Author: aman yatra

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