कानपुर

अब कानपुर चिड़ियाघर में नहीं जाएगी दुर्लभ वन्यजीवों की जान, मदद के लिए आगे आया रोटरी क्लब

अक्सर ही हम सुनते हैं, कि चिड़ियाघर में बेहतर इलाज न मिलने पर कई वन्यजीव दम तोड़ देते हैं। चिकित्सक उन्हें बचाने की कोशिश तो करते हैं, मगर उपकरण कम होने व संसाधनों का अभाव होने से उनकी सारी कोशिशें बेकार रह जाती हैं

कानपुर, अमन यात्रा । अक्सर ही हम सुनते हैं, कि चिड़ियाघर में बेहतर इलाज न मिलने पर कई वन्यजीव दम तोड़ देते हैं। चिकित्सक उन्हें बचाने की कोशिश तो करते हैं, मगर उपकरण कम होने व संसाधनों का अभाव होने से उनकी सारी कोशिशें बेकार रह जाती हैं।

हालांकि, अब यूं ही दुर्लभ वन्यजीवों की जान नहीं जाएगी। जू के अस्पताल में संसाधनों को बढ़ाने के लिए करीब एक करोड़ रुपये के उपकरण मंगाए गए हैं। प्राणिउद्यान के प्रशासनिक अफसरों ने शासन में इस बाबत पत्र भेज दिया है। उम्मीद है, कि जल्द अस्पताल में उपकरण आ जाएंगे और स्थितियां बेहतर होंगी। इसके अलावा रोटरी क्लब के पदाधिकारियों ने भी कुछ उपकरण जू में देने के लिए प्रशासनिक अफसरों को आश्वस्त किया है।

पिछले पांच वर्षों में 500 से अधिक वन्यजीवों की हो चुकी मौत

चिड़ियाघर में पिछले पांच वर्षों में 500 से अधिक वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। चिकित्सकों का कहना है, कि हर साल कुल 1480 वन्यजीवों में से पांच से सात फीसद तक की जान चली जाती है। हालांकि, पूरे देश में जो भी प्राणिउद्यान हैं, वहां वार्षिक मृत्यु दर आठ से 10 फीसद है। चिकित्सकों ने कहा, कि अगर संसाधन बेहतर होंगे तो जू की मृत्यु दर दो से तीन फीसद ही रह सकती है। उस स्थिति में कानपुर जू, देश का बेस्ट जू होगा।

ये प्रमुख उपकरण आएंगे

अल्ट्रा चिल फ्रीजर (-70 डिग्री सेंटीग्रेड)- 14 लाख रुपये

एनेस्थीसिया वेपोराइजर- साढ़े तीन लाख रुपये

इंहालेशन एनेस्थीसिया एसेंबली- साढ़े छह लाख रुपये

थर्मल इमेजिंग कैमरा- 20 लाख रुपये

डिजीटल एक्सरे यूनिट- आठ लाख रुपये

ब्लड एनालाइजर किट- छह लाख रुपये

शासन को पत्र भेजकर एक करोड़ रुपये के उपकरण मांगे गए हैं। उपकरण मिलते ही, अस्पताल के रेनोवेशन का काम शुरू करा दिया जाएगा। -एके सिंह, सहायक निदेशक, प्राणिउद्यान

Print Friendly, PDF & Email
pranjal sachan
Author: pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

Related Articles

AD
Back to top button