यज्ञ स्थल की परिक्रमा करने से जन्म जन्मांतर के पाप होते हैं नाश
यज्ञ स्थल की परिक्रमा करने से जन्म जन्मांतरों के पापों का नाश होता है। यह बात ग्राम पहाड़पुरा में आयोजित पंच कुंडीय श्रीरूद्र महायज्ञ में भागवताचार्य अखिलेश कुमार पाठक ने कही।

जालौन(उरई)। यज्ञ स्थल की परिक्रमा करने से जन्म जन्मांतरों के पापों का नाश होता है। यह बात ग्राम पहाड़पुरा में आयोजित पंच कुंडीय श्रीरूद्र महायज्ञ में भागवताचार्य अखिलेश कुमार पाठक ने कही।
क्षेत्रीय ग्राम पहाड़पुरा में पांच कुंडीय श्रीरूद्र महायज्ञ चल रहा है। शुक्रवार को यज्ञ स्थल पर बड़ी संख्या में श्रृद्धालु पहुंचे। यज्ञाचार्य अश्वनी कुमार पाठक के निर्देशन में श्रृद्धालुओं ने यज्ञ स्थल की परिक्रमा की। यज्ञाचार्य द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ में आहुतियां संपन्न के दौरान वातावरण भक्तिमय बना रहा। वहीं, भागवत कथा में भागवताचार्य अखिलेश कुमार पाठक ने बताया कि यज्ञ स्थल की परिक्रमा करने से जन्म जन्मांतरों के पापों का नाश होता है। परिक्रमा से संपूर्ण तीर्थ का भी फल प्राप्त होता है। जिस स्थल पर यज्ञ होता है वहां से कोसों दूर तक वातावरण भी शुद्ध होता है। कहा कि गलती करने के बाद क्षमा मांगना मनुष्य का गुण है, लेकिन जो दूसरे की गलती को बिना द्वेष के क्षमा कर दे, वो मनुष्य महात्मा होता है। इस मौके पर पारीक्षित विमला देवी, कोमल सिंह पाल, विनीता देवी, गुड्डी देवी, प्रियंका, भानवती, सावित्री आदि मौजूद रहीं।
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