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युवा शहीद शिवराम हरि राजगुरु की मनाई गई जयन्ती
सुमेरपुर भारत के स्वाधीनता आंदोलन मे शहीदों की एक अलग भूमिका रही है,इसी के मद्देनजर वर्णिता संस्था के तत्वावधान मे विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत निडरता, निष्ठा और निशाने का साक्षी युवा शहीद शिवराम हरि राजगुरु की जयन्ती 24 अगस्त पर संस्था के अध्यक्ष डॉ0 भवानीदीन ने श्रद्धा'सुमन अर्पित की.

हमीरपुर : सुमेरपुर भारत के स्वाधीनता आंदोलन मे शहीदों की एक अलग भूमिका रही है,इसी के मद्देनजर वर्णिता संस्था के तत्वावधान मे विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत निडरता, निष्ठा और निशाने का साक्षी युवा शहीद शिवराम हरि राजगुरु की जयन्ती 24 अगस्त पर संस्था के अध्यक्ष डॉ0 भवानीदीन ने श्रद्धा’सुमन अर्पित करते हुये कहा कि राजगुरु सच्चे अर्थों में भारत मां के एक समर्पित युवा सूरमा थे,जिनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है.

इनका हरिनारायण व पार्वती देवी के घर महाराष्ट्र के पुणे जिले के खेड गांव, जिसे अब राजगुरु नगर कहते हैं, मे 24 अगस्त 1908 को जन्म हुआ था,ये जब छ वर्ष के थे,पिता का निधन हो गया था, राजगुरु की शिक्षा खेड और पुणे मे हुई थी, शिक्षा काल से ही चन्द्र शेखर आजाद जैसे प्रमुख क्रांतिकारी से जुड गये थे,इन्होंने काकोरी केस और सान्डर्स वध मे अहम भूमिका निभाई थी,फलतः इन्हें भी भगतसिंह और सुखदेव थापर के साथ 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल मे मात्र 22 वर्ष की उम्र मे फांसी पर लटका दिया गया था।कार्यक्रम में बाबूलाल, सिद्धा, प्रेम, संतोष, आशुतोष, विकास, गयाप्रसाद, सोनू, भोलू सिंह, रिचा ,दस्सी और अजय गुप्ता आदि शामिल रहे।
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