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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र चिंता में देश : विद्यासागर त्रिपाठी
सोवियत रूस और यूक्रेन के मध्य चल रहे वर्तमान युद्ध काल में यूक्रेन के अन्दर भारत के सोलह हजार से अधिक छात्र वहां फंसे हैं, यूक्रेन के मित्र देश पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान रूस के दौरे पर हैं,

अमन यात्रा ब्यूरो,कानपुर देहात : सोवियत रूस और यूक्रेन के मध्य चल रहे वर्तमान युद्ध काल में यूक्रेन के अन्दर भारत के सोलह हजार से अधिक छात्र वहां फंसे हैं, यूक्रेन के मित्र देश पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान रूस के दौरे पर हैं, जबकि यूक्रेन सदैव राजनयिक, सामरिक, आर्थिक और कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान के साथ खड़ा रहता रहा है, भारतीय हितों के प्रति यूक्रेन कभी भी भारत के साथ गम्भीर नहीं रहा हैै,
बल्कि समय समय पर यूक्रेन सदैव भारत का बिरोध ही करता रहा हैै, तथा पाकिस्तान को सामरिक हथियार भी उपलब्ध कराता रहा, लेकिन युद्ध की स्थिति में अब यूक्रेन के राजदूत को बार बार यह कहने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी धरती के सबसे ताकतवर नेता हैं, यदि वो चाहें तो यह युद्ध रोक सकते हैं पहली बार यह बात सुनकर सीना गर्व से चौड़ा हो गया लगा कि भारत के प्रधानमंत्री का सीना वास्तव में 56 इंची हैै, वह श्लोगन भी सत्य साबित हुआ जिसमें लोग कहते हैं कि मोदी हैै तो मुमकिन है भारत के मोदी विरोधी विपक्षियों को सायद यूक्रेन के राजनयिक की उपरोक्त बात चैन से सोने नहीं दे रही होगी।
लेकिन सत्य तो सत्य ही होता हैै जो समय पर विजयी होकर सामने आता हैै,मोदी जी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से वार्ता भी की है, तथा तटस्थ देश की भूमिका में खड़े होकर सम्पूर्ण घटनाक्रम में अपनी सरकार के मंत्रियों सहयोगियों से लगातार सम्पर्क में रहकर नजर गड़ाये हुये हैं। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की आशंका के बादल कई दिन पूर्व से दिखाई देने लगे थे, लेकिन यूक्रेन में विभिन्न भारतीय मूल के शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों ने समय रहते यूक्रेन नहीं छोड़ा, और न ही भारत में रह रहे उनके परिवार व अभिभावकों ने उनकी चिंता की, अब यूक्रेन में स्थितियां बेहद कठिन हो गयी है, यूक्रेन में छात्र संकट ग्रस्त हैं और यहां भारत में उनका परिवार चिंता ग्रस्त हैै,
भारत सरकार राजनैतिक कूटनैतिक हर तरह से उन्हें यूक्रेन से वापस लाने के लिए प्रयत्न कर रही हैै, भारत के विमान लगातार यूक्रेन के पड़ोसी देशों की मदद से छात्रों को वहां से निकाल रहे हैं, फिर भी सभी छात्रों को वहां से वापस निकाल पाना बेहद जटिल होता जा रहा हैै, जो बेहद चिंता का विषय है। वर्तमान हालात में सम्पूर्ण भारत के नागरिकों तथा राजनीतिक राजनेताओं मीडिया समूहों का यह प्रथम कर्तव्य बनता है कि वो बिना किसी पक्ष विपक्ष व राजनैतिक राग द्वेश के अपनी अपनी सामर्थ्य के आधार पर यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय छात्रों की वापसी हेतु सार्थक प्रयत्न करें,
जिससे छात्रों को वहां से सकुशल निकाला जा सके, तथा उनके चिंताग्रस्त भारतीय परिवारों की चिंता का निवारण किया जा सके, इस सम्बंध में भारत सरकार तथा प्रधानमंत्री मोदी जी की अब तक की कार्य कुशलता यह विश्वास दिलाती है कि इस संकट के दौर से भी वो भारतीय छात्रों को निकालकर भारत वापस लाने में सफल होंगे।
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