G-4NBN9P2G16

यूपी : उपचुनाव में हार से सबक, परिवार को एक कर मूल वोट बैंक वापस लाने में जुटे अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने हाल ही में एक पीसी में कहा था कि अगर सपा की सरकार बनती है तो चाचा शिवपाल को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा. अखिलेश की यह पहल परिवार को एक कर अपने मूल वोटबैंक को वापस लाने की ओर संकेत दे रही है.

लखनऊ,अमन यात्रा . यूपी में हुए विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सबक लिया है. यही वजह है कि अब अखिलेश अपने मूल वोटबैंक वापस लाने की कोशिश में जुट गये हैं. हाल ही में अखिलेश ने एक पीसी में कहा था कि अगर सपा की सरकार बनती है तो चाचा शिवपाल को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा. अखिलेश की यह पहल परिवार को एक कर अपने मूल वोटबैंक को वापस लाने की ओर संकेत दे रही है.

फूट के बाद सपा को हुआ नुकसान
दरअसल, यादव परिवार में फूट के बाद सपा को लगातर नुकसान हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी का जो विजय रथ चल रहा है उसे रोक पाने के लिए अखिलेश को शिवपाल को अपने पाले में लाना जरूरी है. उनकी पार्टी में नौजवान भले हों, लेकिन अभी शिवपाल जैसे अनुभव वाले नेताओं की कमी साफ झलकती है. उपचुनाव के नतीजों ने विपक्षी दलों को अपने भविष्य की चिंता भी सता रही है. यही कारण है कि बसपा प्रमुख मायावती ने प्रदेश अध्यक्ष बदलकर अतिपिछड़े को जगह दी है. अखिलेश भी अपने परंपरागत वोटों को बचाने का दांव चल रहे हैं.

राजनीतिक पंडितों की मानें तो 2017 के विधानसभा चुनाव में यादव परिवार की फूट के कारण उन्हें अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ा था. पिछले चुनाव में सपा को महज 50 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. तभी से पार्टी को अहसास हो गया था यह फूट उनके सियासी वजूद के लिए खतरा बन रही है. नुकसान की भरपाई करने के लिए अखिलेश ने लोकसभा चुनाव में अपनी धुर विरोधी पार्टी बसपा से गठबंधन कर शिवपाल से हुए नुकसान को भरने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इसी कारण अखिलेश अब परिवार को एक करने में लग गये हैं.

“अखिलेश के पास नहीं बचा विकल्प”
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक राजीव श्रीवास्तव कहते हैं कि अखिलेश यादव कांग्रेस और बसपा के साथ गठबंधन करके देख चुके हैं. उनके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है. इस कारण वह चाचा को अपने पाले में लाना चाहतें हैं. अखिलेश के साथ युवाओं की एनर्जी भले हो, लेकिन शिवपाल जैसा अनुभव नहीं है जो कार्यकर्ताओं में पैठ रखते हैं. शिवपाल के पास जमीनी अनुभव बहुत है. अगर परिवार में एकता होती है तो पार्टी हित में होगा. पार्टी में बड़े नेताओं का आभाव है. आजम खान अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. रामगोपाल यादव पार्टी की आन्तरिक राजनीति में कभी नहीं रहे. इसीलिए अखिलेश के लिए शिवपाल जरूरी और मजबूरी दोंनों है.

Author: aman yatra

aman yatra

Recent Posts

कानपुर देहात में युवती ने खाया जहरीला पदार्थ,भेजा गया अस्पताल

पुखरायां।भोगनीपुर कोतवाली क्षेत्र के श्यामसुंदरपुर गांव में मंगलवार को एक युवती ने संदिग्ध परिस्थितियों में जहरीला पदार्थ खा लिया।जिससे उसकी… Read More

2 minutes ago

हॉली क्रॉस मिशन स्कूल में आज हुआ हिंदी दिवस का आयोजन

पुखरायां (कानपुर देहात) l हॉली क्रॉस स्कूल में आज मंगलवार को हिंदी दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्कूल… Read More

6 minutes ago

रसूलाबाद में संदिग्ध परिस्थितियों में बंबी में मिला युवक का शव,फैली सनसनी

पुखरायां।कानपुर देहात के रसूलाबाद थाना क्षेत्र के झींझक रोड पर दया गांव की तरफ जाने वाली बंबी में मंगलवार को… Read More

32 minutes ago

यूपी में शीर्ष स्तर पर कई आईएएस अधिकारियों के तबादले

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया… Read More

34 minutes ago

कानपुर देहात में किशोर ने फांसी लगाकर की आत्महत्या,परिजनों में मचा कोहराम पुलिस जांच में जुटी

पुखरायां।कानपुर देहात में एक दर्दनाक घटना सामने आई है।सिकंदरा थाना क्षेत्र के रसधान कस्बे में एक 16 वर्षीय किशोर ने… Read More

34 minutes ago

राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के प्रयासों से रनिया-रूरा को मिली एक-एक करोड़ की सौगात

कानपुर देहात: अकबरपुर-रनिया विधानसभा क्षेत्र की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के प्रयासों से रनिया और रूरा नगर पंचायत को जल निकासी… Read More

58 minutes ago

This website uses cookies.