लखनऊ/ कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कमर कस ली है। स्कूलों में शिक्षकों की लेट लतीफी और गैर हाजिरी की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद, सरकार ने अब राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रणाली शुरू करने के आदेश दिए हैं। राजकीय माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों ने अगर अब बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं की तो उनका वेतन कटेगा।
अभी तक यह व्यवस्था लागू होने के बावजूद मनमाने ढंग से हाजिरी दर्ज की जा रही थी। उनका वेतन भी नहीं काटा जा रहा था लेकिन अब सख्ती की जाएगी। उनका वेतन बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही बनाया जाएगा। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के ऑनलाइन उपस्थिति के बहिष्कार के बीच अब माध्यमिक स्कूलों में सख्ती शुरू कर दी गई है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव की ओर से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकाें (डीआइओएस) को निर्देश दिए गए हैं कि वह शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन अब बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही बनाएं।
प्रधानाचार्य हर महीने बायोमीट्रिक उपस्थिति का ब्योरा डीआइओएस कार्यालय भेजेंगे और उसी आधार पर वेतन बनेगा जितने दिन की उपस्थिति नहीं होगी उतने दिन का वेतन काट दिया जाएगा। 18 अगस्त वर्ष 2022 को यह व्यवस्था राजकीय माध्यमिक स्कूलों में लागू की गई थी लेकिन शिक्षक व कर्मचारी इस आदेश का मनमाने ढंग से पालन कर रहे हैं। तमाम विद्यालयों में तो बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के लिए लगाई गई मशीन भी खराब है।
फिलहाल अब उन्हें इस व्यवस्था का पालन करना ही होगा। उधर दूसरी ओर परिषदीय स्कूलों में बीते आठ जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था लागू की गई है लेकिन शिक्षक इसका लगातार बहिष्कार कर रहे हैं।
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