लखनऊ, अमन यात्रा । यदि आप आइटीआइ कर रहे हैं और आपकी पढ़ाई पूरी होने वाली है तो आपके लिए अच्छी खबर है। आपको अप्रेंटिस के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने सूबे की सभी कंपनियों को जिनके यहां 30 या इससे अधिक लोग काम करते हैं उन्हें आइटीआइ पास को अप्रेंटिस के लिए प्रवेश देना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर कंपनी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इससे हर साल आइटीआइ पास करने वाले दो लाख युवाओं को फायदा होगा।
भारत सरकार द्वारा 2016 में शुरू की गई यह योजना 1961 के शिक्षुता अधिनियम के अनुसार बनाई गई है। राज्य सरकार ने बीते साल मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना शुरू की। अधिनियम के अनुसार, अब यह अनिवार्य है कि सभी प्रतिष्ठान जिनके पास प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने के लिए 30 या इससे अधिक कर्मचारी हैं। ये प्रशिक्षु मुख्य रूप से आइटीआइ पास को अप्रेंटिस कराएंगे। यही नहीं कंपनी की ओर से उन्हें मानदेय भी दिया जाएगा। इसके बदले सरकार प्रशिक्षण की लागत के अनुरूप सब्सिडी भी देती है। ऐसे में उन्हें अप्रेंटिस कराने की बाध्यता भी है।