यूपी में करीब 2 लाख शिक्षकों की नौकरी खतरे में:जब भर्ती हुए तब टेट नहीं था, अब पास करना हुआ अनिवार्य
अवसादग्रस्त हो रहे शिक्षक, नौकरी जाने का डर

- TET अनिवार्यता: सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा 1-8 के शिक्षकों के लिए TET पास करना अनिवार्य किया।
- लाखों प्रभावित: देशभर में 10 लाख और यूपी में 2 लाख शिक्षक प्रभावित।
- समस्या की जड़: 2017 के केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकारों का ध्यान न देना।
- समाधान: केंद्र सरकार से नियमों में संशोधन की अपील।
- संगठनों का रुख: शिक्षक संगठन एकजुट नहीं, पर कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।
राजेश कटियार, कानपुर देहात। सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने वाले अध्यापकों के लिए टीईटी पास करने की अनिवार्यता का आदेश दिया है। शिक्षकों को दो साल के भीतर टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करनी होगी अन्यथा उन्हें रिटायरमेंट लेना पड़ सकता है। वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षक अपनी योग्यता पर संशय किए जाने से निराश हैं। ऐसे शिक्षक जो आरटीई लागू होने से पहले से नौकरी कर रहे हैं और सेवानिवृत्त होने में 6 साल समय बचा है उन्हें टेट पास करना अनिवार्य किया गया है।
ऐसे में पुराने शिक्षकों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम फैसले से पूरे शिक्षक समुदाय में हड़कंप के साथ ऊहापोह की स्थिति है। शिक्षक इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं। शिक्षकों ने इस मुद्दे पर तमाम समस्याएं साझा कर सरकार से समाधान की अपेक्षा की। सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है उसका क्या असर पड़ेगा और निदान क्या है इसे लेकर प्राइमरी स्कूल में तैनात सहायक अध्यापक हिमांशु राणा से हमारे संवाददाता राजेश कटियार ने बात की।
हिमांशु राणा ने बताया कि मैं शिक्षकों से जुड़े मामलों को लेकर हमेशा से हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में आवाज उठाता रहा हूं और विभिन्न मामलों को शिक्षक हित में सॉल्व भी करवा चुका हूं। वह इस फैसले को लेकर कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में जो मैटर गया था उसमें यह था कि महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कुछ अल्पसंख्यक संस्थान थे। जहां उन्हें टेट पास करने के लिए बाध्य किया जा रहा था। वहां ये मांग थी ही नहीं कि पूरे देश के शिक्षकों को टेट पास करना है या नहीं लेकिन कोर्ट ने पूरे देश में टेट को अनिवार्य कर दिया।
हिमांशु बताते हैं कि 2 अगस्त 2010 को एनसीटीई की गाइडलाइन आई। इसके मुताबिक जो लोग शिक्षक हैं या फिर कोई भर्ती प्रक्रिया चल रही है तो उसमें टेट परीक्षा नहीं होगी। वह 2001 के नियमों के मुताबिक ही होगी लेकिन 3 अगस्त 2017 में केंद्र सरकार ने नियम बदल दिया। सभी राज्यों को एक नोटिस भेजा लेकिन राज्य की सरकारों ने इस नोटिस का ध्यान नहीं दिया। इस नोटिस में सभी को 2019 तक टीईटी पास करना था। राज्य सरकारों ने ध्यान नहीं दिया इसलिए टीचर्स का भी इस पर फोकस नहीं रहा।
प्रमोशन में टीईटी अनिवार्य-
हिमांशु कहते हैं कि हमने लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका डाली है। इसमें बिना टेट पास शिक्षकों को प्रमोशन नहीं देने की मांग की है लेकिन राज्य सरकार लगातार प्रमोशन कर रही है जबकि उन्हें केंद्र का आदेश पहले से पता था लेकिन उस पर कोई बात नहीं की। बाद में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस पूरे मामले पर स्टे लगा दिया।
इससे बचाव के लिए क्या करना होगा-
हमारे संवाददाता ने हिमांशु से पूछा कि इस पूरे मामले में अब क्या विकल्प है? वह कहते हैं अब तो ऑर्डर हो गया इसलिए समाधान पर ही बात करनी होगी। कोई टीचर अगर कोर्ट जाएगा तो वह उतना प्रभावी नहीं होगा जितना केंद्र और राज्य की सरकारें कोर्ट में टीचर के पक्ष से उनकी बात रखें। केंद्र सरकार सेक्शन 23/2 में सुधार करे। जो टीचर 2011 से पहले नियुक्त हैं उन्हें टीईटी में छूट दिया जाए। उनकी नौकरी न ली जाए हालांकि अगर उन्हें प्रमोशन चाहिए तो इसके लिए टेट अनिवार्य किया जाए।
हिमांशु के मुताबिक यूपी में इस फैसले से करीब 2 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे। पूरे देश में यह संख्या 10 लाख के आसपास है। इन सबने अपनी पढ़ाई छोड़कर बच्चों को उनके सिलेबस के आधार पर पढ़ाया है। नए सिलेबस के आधार पर वह परीक्षा पास कर पाएं यह उनके लिए आसान नहीं होगा। अगर टेट अनिवार्यता पर संशोधन नहीं किया गया तो कई लाख शिक्षकों को नौकरी गंवानी पड़ेगी।
इस प्रकरण पर शिक्षक संगठनों का क्या रुख है-
नौकरी में बने रहने के लिए टीईटी की अनिवार्यता के मामले में सभी शिक्षक संगठन एक जुट नहीं हुए हैं हालांकि शिक्षक संगठन अपने-अपने विवेकानुसार संघर्ष कर रहे हैं। शिक्षक संगठनों ने लंबी लड़ाई के लिए कमर कस ली है। शिक्षकों को राहत दिलाने के लिए शिक्षक संघ सरकार पर नियम कानून में संशोधन करने का दबाव बना रहे हैं। हमने भी कानूनी विकल्प तलाशने शुरू कर दिए हैं और वकीलों से विचार विमर्श चल रहा है।
ये भी पढ़े- शिक्षक संघ में नया बदलाव: धीरेंद्र त्रिपाठी बने कार्यकारी मंडल अध्यक्ष
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.