यूपी में बुलडोजर का नया अवतार, पहली बार बिना काम पर लगे एक घंटे में कमाए एक हजार…
यूं तो बुलडोजर से कई काम लिये जाते हैं, इनमें ज्यादातर सरकारी काम शामिल रहते हैं। जैसे डंप से कूड़ा उठाना, नदी, नहर नाले की सफाई या खुदाई करना और हां सही मायने में सरकारी इस्तेमाल अतिक्रमण गिराने में किया जाता है।
कानपुर, अमन यात्रा । यूं तो बुलडोजर से कई काम लिये जाते हैं, इनमें ज्यादातर सरकारी काम शामिल रहते हैं। जैसे डंप से कूड़ा उठाना, नदी, नहर नाले की सफाई या खुदाई करना और हां सही मायने में सरकारी इस्तेमाल अतिक्रमण गिराने में किया जाता है। लेकिन अब, इन कामों की बजाए बुलडोजर का नया अवतार सामने आया है। अब अपने काम से इतर भी बुलडोजर कमाई कर रहा है। अचम्भा न होगा.. आपको क्योंकि बुलडोजर ने अब राजनीति में एंट्री कर ली है। ये बुलडोजर अब सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए खास हो गए हैं और चुनाव के बाद अचानक मांग भी बढ़ गई है। आइए पढ़ते हैं इस बार यूपी में चुनाव से लेकर भाजपा की जीत तक बुलडोजर कैसे खास बना हुआ है..।
यूपी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक हाथ में बुलडोजर और दूसरे हाथ से विकास का नारा दिया था क्योंकि सरकार में अपराधी माफिया पर शिकंजा कसते हुए अर्जित अवैध संपत्तियाें पर खूब बुलडोजर चलवाए गए थे। कई बार उन्होंने मंच से सरकार आने पर प्रदेश में माफिया की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलते रहने का वादा किया था और बुलडोजर रिपेयरिंग पर भेजने की भी बात कही थी। इंटरनेट मीडिया पर उनके प्रशंसकों ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर बाबा का नाम तक दे दिया था। यूपी में भाजप की बड़ी जीत पर समर्थक और कार्यकता अभी तक विजय का जश्न भी बुलडोजर पर ही मना रहे हैं। रोजाना शहरों और ग्रामीण इलाकों में बुलडोजर जुलूस निकाले जा रहे हैं, जिनके वीडियो भी खूब वायरल हो रहे हैं।
कानपुर में निजी व संस्थागत बुलडोजरों की संख्या :
कानपुर में निजी रूप से 25 बुलडोजर हैं। वहीं संस्थागत (नगर निगम, केडीए) के पास 20 बुलडोजर हैं। निजी बुलडोजर के मालिक प्रति घंटा के हिसाब से पैसे वसूलते हैं। जिसमे किराया ही हाता है। डीजल का खर्च अलग से लिया जाता है। वहीं, संस्थागत का नियमानुसार सरकारी खर्चे पर काम पर लगाया जाता है। इसमें कूड़ा उठाना, अतिक्रमण गिराना व अन्य निर्माण कार्यों में व सरकारी कार्यों में भी इस्तेमाल किया जाता है।
एक घंटे का एक हज़ार रुपये किराया:
कानपुर की सात सीटों सहित जैसे ही प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत हुई भाजपा समर्थकों और आम जनता ने बुलडोजर को अपने जश्न में शामिल कर लिया। शहर के कई इलाकों में बुलडोजर पर सावर होते और उसके साथ लोग फ़ोटो खिंचाते देखे गए। सड़कों पर उतरे बुलडोजर किराए पर मंगाए गए। जिसका मालिकों ने एक हजार रुपये तक किराया वसूला। निजी बुलडोजर के मालिक वेद प्रकाश ने बताया इससे पहले लोगों में बुलडोजर के प्रति इतना आकर्षण नहीं देखा। लोग फ़ोटो खिंचा रहे हैं। इसके साथ जीत के जश्न के लिए बुलडोजर को किराए पर भी मंगवाया है। उन्होंने कहा इसतरह से भी बुलडोजर से पैसा कमाया जा सकता है पहली बार देखा है। कानपुर में वार्ड 84 से पूर्व पार्षद और वर्तमान पार्षद पति संदीप जायसवाल ‘बिल्लू’ ने बताया कि जश्न के लिए बुलडोजर बुलाया था हमसे 900 रुपए लिए थे। वहीं, भाजपा के सेक्टर अध्यक्ष रेशू कनौजिया ने बताया कि जश्न के दौरान कई बुलडोजर महज डीजल डलाकर भी मंगाए गए थे। कई जगह व्यवहारिकता के आधार पर बुलडोजर लेकर मालिक और चालक फ्री में भी शामिल होने आए थे।
विजय जुलूस के साथ जनसभाओं का भी बने हिस्सा:
कानपुर में भाजपा की विजय जुलूसों में तो बुलडोजर हिस्सा बने ही बल्कि चुनाव के दौरान जनसभाओं में भी यह बुलडोजर शामिल किए गए। यह पहली बार था जब महज प्रतीक स्वरूप बुलडोजरों को बुलाया गया एक नहीं बल्कि जनसभा और जुलूसों में कई-कई बुलडोजर को बुलाया जिसकी वजह से बुलडोजर मालिकों को कमाई हुई। बताया गया की एक-एक बुलडोजर से प्रति घंटा के हिसाब से 1-1 हजार रुपये किराया लिया गया।
जब कानपुर की महापौर बुलडोजर पर हुईं सवार:
कानपुर में सात सीटों पर जैसे ही भाजपा की जीत से पर्दा हटा वैसे ही महापौर प्रमिला पांडेय बुलडोजर पर सवार दिखीं। मतगड़ना स्थल पर ही महापौर अपने समर्थकों के साथ बुलडोजर के आगे हिस्से पर सवार हो गईं और जीत का जश्न मनाया। महापौर ने कहा कि अब गुंडों और माफियाओं पर बुलडोजर फिर से चलेगा।