यूपी में सरकारी कर्मचारियों को बतानी होगी चल-अचल संपत्ति, वरना रुक सकती है अगस्त माह की सैलरी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। योगी ने निर्देश दिया है कि अब राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल और अचल संपत्ति घोषित करनी होगी। इसके लिए आखिरी तारीख 31 अगस्त 2024 रखी गई है।
लखनऊ / कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। योगी ने निर्देश दिया है कि अब राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल और अचल संपत्ति घोषित करनी होगी। इसके लिए आखिरी तारीख 31 अगस्त 2024 रखी गई है। अगर आखिरी तारीख तक ये काम नहीं होता है तो कर्मचारियों की अगस्त महीने की सैलेरी नहीं आएगी। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन भी नहीं होगा।
क्यों लिया गया फैसला-
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने सभी विभागों के प्रमुखों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि सभी सरकारी कर्मचारी 31 अगस्त 2024 तक चल-अचल संपत्ति घोषित करें नहीं तो उनका प्रमोशन नहीं होगा। इसके साथ ही कर्मचारियों की अगस्त महीने की सैलरी भी नहीं आएगी। सरकारी कर्मियों को संपत्ति घोषित करने का निर्देश पहले भी दिया जा चुका है लेकिन संतोषजनक रिस्पांस नहीं मिलने पर सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी 31 अगस्त 2024 तक प्रस्तुत करनी होगी। यदि कर्मचारी इस तिथि तक जानकारी नहीं देते हैं, तो उन्हें अगस्त महीने की वेतन नहीं मिलेगी और उनकी पदोन्नति भी प्रभावित होगी।
आदेश का उद्देश्य-
इस आदेश का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति की पारदर्शिता सुनिश्चित करना और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। यह कदम सरकारी तंत्र की जवाबदेही को बढ़ाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त प्रहार के रूप में देखा जा रहा है।
समय सीमा में विस्तार-
पहले संपत्ति विवरण प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 थी जिसे बढ़ाकर 30 जून 2024 और फिर 31 जुलाई 2024 कर दिया गया था। अब इस समय सीमा को बढ़ाकर 31 अगस्त 2024 कर दिया गया है ताकि कर्मचारियों को सही ढंग से संपत्ति का विवरण दर्ज करने का और अवसर मिल सके।
प्रमोशन और सैलरी पर प्रभाव-
यदि कर्मचारी निर्धारित तिथि तक संपत्ति का विवरण नहीं देते हैं तो उनके प्रमोशन रोके जाएंगे और अगस्त महीने की सैलरी भी जारी नहीं की जाएगी। यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मानव संपदा पोर्टल पर विवरण-
संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य होगा। इस निर्णय के माध्यम से सरकार ने पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए गंभीरता दिखाई है। कर्मचारियों को संपत्ति विवरण प्रस्तुत करने के लिए अब 31 अगस्त 2024 तक का अतिरिक्त समय दिया गया है जिससे वे इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को पूरी तरह से पूरा कर सकें।