उत्तरप्रदेश
यूपी सरकार को राहत, महोबा मामले की न्यायिक जांच की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ठुकराई, अर्जी खारिज
तत्कालीन एसपी और आईपीएस मणिलाल पाटीदार आरोपी हैं. उन्हें निलंबित किया जा चुका है और साथ ही उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज है.
कार्यकर्ता प्रभाकर भट्ट ने दाखिल की थी याचिका
ये पीआईएल प्रयागराज के सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर भट्ट की तरफ से दाखिल की गई थी. पीआईएल में पूरे मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच कराए जाने का आदेश दिए जाने, हाईकोर्ट द्वारा जांच की मानीटरिंग किये जाने, पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने के दिशा निर्देश जारी किये जाने जैसी कई मांगे की गईं थीं. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई.
ये पीआईएल प्रयागराज के सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर भट्ट की तरफ से दाखिल की गई थी. पीआईएल में पूरे मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच कराए जाने का आदेश दिए जाने, हाईकोर्ट द्वारा जांच की मानीटरिंग किये जाने, पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने के दिशा निर्देश जारी किये जाने जैसी कई मांगे की गईं थीं. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई.
अदालत ने कहा- कोई ठोस वजह नहीं
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि ऐसी कोई ठोस वजह नहीं है, जिसके आधार पर एसआईटी जांच की रिपोर्ट में दखल दिया जाए. अदालत ने अर्जी को खारिज कर दिया है. याचिकाकर्ता की वकील ममता सिंह के मुताबिक वो अब आगे के विकल्पों पर विचार करेंगी, क्योंकि अर्जी में जो भी तथ्य उठाए गए थे, उनके पीछे ठोस आधार था. डिपार्टमेंटल एसआईटी हमेशा अपने साथियों का बचाव करती है. ऐसे में एसआईटी रिपोर्ट पर कतई यकीन नहीं किया जा सकता है.