कानपुर देहात

योग और कला का अद्भुत संगम: 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन में दिव्या धीमान की मनमोहक ‘शिव वंदना’ प्रस्तुति

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन में दिव्या धीमान की मनमोहक प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हरिद्वार, उत्तराखंड:  उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन में दिव्या धीमान की मनमोहक प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिव्या, जो उसी विश्वविद्यालय से योगाचार्य में स्नातकोत्तर कर रही हैं और एक कुशल कथक नृत्यांगना भी हैं, ने ‘शिव वंदना’ की प्रस्तुति देकर सम्मेलन में उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।

दिव्या की प्रस्तुति ने योग और कला के अद्भुत संगम को दर्शाया। उनकी नृत्य कला ने दर्शकों को आध्यात्मिकता के गहरे अनुभव से जोड़ा। उनकी प्रस्तुति ने न केवल उनकी नृत्य कला का प्रदर्शन किया, बल्कि योग और भारतीय संस्कृति के प्रति उनके समर्पण को भी उजागर किया। उनकी प्रस्तुति में भक्ति, लय और भाव का अनूठा मिश्रण था, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

दिव्या धीमान की प्रस्तुति ने 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन में एक विशेष रंग भर दिया। उनकी कला ने सम्मेलन में उपस्थित लोगों को एक अलग ही अनुभव प्रदान किया। दिव्या की ‘शिव वंदना’ ने न केवल उनकी प्रतिभा को प्रदर्शित किया, बल्कि योग और कला के बीच के गहरे संबंध को भी उजागर किया। उनकी प्रस्तुति ने साबित कर दिया कि योग और कला एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों मिलकर मानव जीवन को समृद्ध बना सकते हैं।

दिव्या ने अपनी प्रस्तुति से यह भी दिखाया कि युवा पीढ़ी भारतीय संस्कृति और योग के प्रति कितनी समर्पित है। उनकी प्रस्तुति ने अन्य युवाओं को भी अपनी प्रतिभा को निखारने और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।

11वें अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलन में दिव्या धीमान की प्रस्तुति एक यादगार पल बन गई, जिसे दर्शकों ने लंबे समय तक याद रखा। उनकी प्रस्तुति ने योग और कला के महत्व को एक बार फिर से स्थापित किया। इससे पहले उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में योग और इंडियन योग एसोसिएशन द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में योग के वास्तविक स्वरूप को जन-जन तक पहुंचाने पर जोर दिया गया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. पी.वी.बी. सुब्रमण्यम ने सभी योग संस्थाओं से एकजुट होने का आह्वान किया।

सम्मेलन में संस्कृत छात्रों के लिए रोजगारपरक शिक्षा पर जोर दिया गया, और उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय और स्वामी विवेकानंद योग संस्थान, बेंगलुरु के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय और आईआईटी रुड़की मिलकर एआई संस्कृत पर भी काम कर रहे हैं।इस अवसर पर सुरेश वर्णवाल, डॉ. नरेंद्र सिंह, डॉ. उधम सिंह, डॉ. उमेश शुक्ल, डॉ. शिवचरण नौडियाल और डॉ. अनूप बहुखंडी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Author: aman yatra

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