योग के जरिए, पैर और पीठ दोनों का फैट एक साथ करें कम
बैली फैट के साथ कुछ और भी जगहों का फैट है जिसे कम करने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है और वो है पीठ और पैर का मोटापा। तो आज हम कुछ ऐसे योगा अभ्यासों के बारे में जानेंगे जो हैं इसे कम करने में फायदेमंद।
भुजंगासन करने से स्पाइन स्ट्रॉन्ग होता है और फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ती है। कमर का निचला हिस्सा भी मजबूत होता है और पीठ के साथ पैरों का फैट भी बर्न होता है।
पेट के बल मैट पर लेट जाएं। हाथों को अपने चेस्ट के पास रखें। सिर को भी मैट पर टिकाएं। अब सांस भरते हुए शरीर के आगे के हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं और गर्दन को धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाएं। पेट और कमर में हो रहे खिंचाव को महसूस करें। सुविधानुसार 10-20 सेकेंड इस स्थिति में बने रहे। पुनः पहली स्थिति में आ जाएं।
नौकासन में शरीर का पूरा भार मध्य में ही आ जाता है। ऐसे में एब्स की मसल्स को लगातार काम करना पड़ता है। इससे लोअर बैक मजबूत बनती है और उसे अच्छा स्ट्रेच भी मिलता है। पीठ की ताकत हिप्स के लिए अच्छे सपोर्ट का काम करती है।
कैसे करें
मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। टांगों को स्ट्रेच करके रखें। दोनों हाथों को थाईज़ के पास रखें। अब सांस भरते हुए कंधे, हाथ और पैर को फर्श से उठाएं। शरीर का पूरा भार हिप्स पर रहेगा। 45 डिग्री के कोण बनाएं। सामान्य गति से सांस लें और छोड़ें। 10 से 20 सेकेंड तक इस पोजिशन में बने रहें। सांस छोड़ते हुए वापस पहली स्थिति में आ जाएं।
प्लैंक
प्लैंक एक्सरसाइज करते वक्त कोर के साथ पीठ, पैर, हाथ की ज्यादातर मसल्स इंगेज रहती हैं और उन पर प्रेशर पड़ता है।जिससे बैली फैट तो कम होता ही है साथ ही बॉडी की फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ती है और सबसे खास की पीठ दर्द के साथ पीठ का फैट भी कम होता है।
कैसे करें
पहले कभी प्लैंक नहीं किया है तो इसकी शुरुआत फोरआर्म प्लैंक से करें जो इसका सबसे ईजी वेरिएशन है। इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं। कोहनियों को बिल्कुल कंधे के नीचे रखें पूरे शरीर को हल्का सा ऊपर उठाएं। इस स्थिति में शरीर का पिछला हिस्सा पैर की उंगलियों पर टिका होता है। अपनी सुविधानुसार जितनी देर इस स्थिति में रह सकते हैं बने रहें।
Author: AMAN YATRA
SABSE PAHLE