रमजान का वो मुक़द्दस महीना है कि जिसकी जुदाई में गमगीन होना भी सवाब है : इरशाद
बड़ी मस्जिद के इमाम हाफिज इरशाद अशरफी ने बताया कि ईद की नमाज़ शहर की कई मस्जिदों में अदा की जाएगी जिसमें खानकाह मस्जिद में 7:45 बजे होगी, ईदगाह में 8 बजे होगी, और बड़ी मस्जिद जुलैहठी में 8:15 बजे अदा की जाएगी।
- खानकाह मस्जिद में 7:45 बजे होगी, ईदगाह में 8 बजे होगी, और बड़ी मस्जिद जुलैहठी में 8:15 बजे अदा की जाएगी।
बड़ी मस्जिद के इमाम हाफिज इरशाद अशरफी ने बताया कि ईद की नमाज़ शहर की कई मस्जिदों में अदा की जाएगी जिसमें खानकाह मस्जिद में 7:45 बजे होगी, ईदगाह में 8 बजे होगी, और बड़ी मस्जिद जुलैहठी में 8:15 बजे अदा की जाएगी।
मज़हबे इस्लाम में रमज़ान-उल-मुबारक के महीने की बड़ी फ़ज़ीलत और बरकतों, रहमतों का बयान किया गया है, इस मुक़द्दस महीने के आने पर हर मुसलमान खुश नजर आता है और अल्लाह अपने बन्दों से फरमाता है कि इस महीने में मेरी राह पर एक रुपया खर्च करोगे तो उसके बदले में 70 का सवाब मिलता है। और जब ये महीना रुकसत जुदा होता है तो अल्लाह अपने बंदों पर उनसे खुश होकर उन्हें ईद जैसी खुशी अपनी रहमत से आता करता है।
नबी-ए-करीम ने फरमाया कि रमजान जब मेरी उम्मत से जुदा होता है तो जमीन, आसमान, मलाइका सब रोते हैं तो हर उम्मती को रमजान की जुदाई में गमगीन होना चाहिए इसमें भी अल्लाह हमें सवाब आता करता है।
उन्होंने कहा कि नमाज ईद-उल-फितर से पहले-पहले अपना और अपने घर वालों का फितरा अदा कर देना वाजिब है जिसकी कीमत इस बार रु 50 है। ईद की नमाज से पहले हर मुसलमान को इसे अदा करना जरूरी होता है।
इमाम हाफिज इरशाद ने कहा कि इस मुबारक मौके पर आप की ये जिम्मेदारी है कि ये देखा जाए कि हमारे कोई रिश्तेदार, हमारा पड़ोसी, कोई भी यतीम, बेबा, बेसहारा ऐसा तो नहीं है जिसे मेरी मदद की जरूरत है पहले उनकी मदद करें और फिर दीनी मदारिस को भी देखें। ईद का त्योहार बड़े ही अमन शांति चैन से मनाएं और एक दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद पेश करें और येदुआ करें कि मेरे मुल्क में जो लोग नफरत फैलाना चाहते हैं अल्लाह उनके मंसूबों को फेल करके मेरे वतन हिंदुस्तान में खुशहाली अमन चैन आता फरमाए।