राजनीतिक व शिक्षा जगत में पांच दशक तक एक छत्र राज करने वाले रामस्वरूप सिंह का हुआ निधन
दिल्ली हावड़ा रेलवे लाइन के किनारे बसे रूरा निवासी राम स्वरूप सिंह गौर के निधन से राजनीतिक और शैक्षिक क्षेत्र में शोक की लहर छा गई।

- कानपुर देहात जनपद में शोक की लहर
सुशील त्रिवेदी, कानपुर देहात। दिल्ली हावड़ा रेलवे लाइन के किनारे बसे रूरा निवासी राम स्वरूप सिंह गौर के निधन से राजनीतिक और शैक्षिक क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। बताया जाता है कि बीते 2 वर्षों से श्री सिंह लगातार अस्वस्थ चल रहे थे और उनका इलाज यदा-कदा वेदांता या अन्य चिकित्सालय में चल रहा था किंतु अंतिम सांस उन्होंने कानपुर नगर स्थित चांदनी नर्सिंग होम में ली जहां से उनका पार्थिव शरीर रूरा नगर स्थित उनके पैतृक आवास पर लाया गया और बिठूर घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।उल्लेखनीय है कि श्री सिंह ने कांग्रेस पार्टी के एक छोटे से सिपाही के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा प्रारंभ की थी और अल्प समय में ही वे अकबरपुर क्षेत्र पंचायत के अनेक वर्षों तक ब्लाक प्रमुख रहे। हालांकि इसी दौरान उन्होंने बसपा से जोड़कर अकबरपुर रनिया विधानसभा का चुनाव लड़ा और विजई हुए किंतु मुलायम सिंह यादव से प्रभावित होकर वह सपा में शामिल हो गए और मंत्री भी बने इतना ही नहीं इस क्षेत्र से वे लगातार तीन बार विधायक बने और अंत में स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने राजनीति से लगभग सन्यास ले लिया। इस दौरान रूरा की राजनीति में वह हमेशा सुर्खियों में रहे और जिसको चाहा वही चेयरमैन बना। इस बीच अनेक शिक्षण संस्थाओं की स्थापना कराई, रूरा नगर स्थित चिरंजी देवी बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज के आजीवन प्रबंधक रहे हालांकि उनके नाम पर अकबरपुर में श्री राम स्वरूप सिंह गौर महाविद्यालय की अपना भी की गई।
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