राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए आवेदन करने में शिक्षक नहीं ले रहे रुचि

राज्य अध्यापक पुरस्कार से अब धीरे-धीरे शिक्षकों का मोहभंग हो रहा है। वर्ष 2023 के राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए प्रदेश के 75 जनपदों में से 27 जनपदों से अभी तक सिर्फ 39 आवेदन प्राप्त हुए हैं जबकि 48 जनपदों का अभी तक खाता नहीं खुला है।

राजेश कटियार, कानपुर देहात। राज्य अध्यापक पुरस्कार से अब धीरे-धीरे शिक्षकों का मोहभंग हो रहा है। वर्ष 2023 के राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए प्रदेश के 75 जनपदों में से 27 जनपदों से अभी तक सिर्फ 39 आवेदन प्राप्त हुए हैं जबकि 48 जनपदों का अभी तक खाता नहीं खुला है। पुरस्कार को लेकर शिक्षकों के मोहभंग होने का नतीजा यह है कि कानपुर मंडल से अब तक सिर्फ 1 शिक्षक ने ही आवेदन किया है जबकि आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 जुलाई निर्धारित थी जिसे अब बढ़ाकर 15 जुलाई 2024 कर दिया गया है।

पहले एक पुरस्कार के लिए आते थे आधा दर्जन से अधिक आवेदन-

पहले प्रदेश सरकार के राज्य अध्यापक पुरस्कार को पाने के लिए परिषदीय शिक्षकों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा रहती थी। एक पुरस्कार के लिए आधा दर्जन से अधिक आवेदन आते थे लेकिन हाल के वर्षों में इस पर भी असर दिखाई दे रहा है। आवेदन को लेकर शिक्षकों की सुस्ती पर असंतोष जताते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 9 जुलाई को पत्र लिखकर 15 जुलाई 2024 तक प्रत्येक जिले से कम से कम तीन-तीन आवेदन करवाने के निर्देश दिए हैं।

पुरस्कार के लिए ये है शर्त-

पुरस्कार को लेकर शिक्षकों की उदासीनता का बड़ा कारण इसके लिए तय मानक पूरा करना भी है। शासन ने पुरस्कार के लिए कुछ जटिल शर्तें रखी हैं। इसके तहत 15 वर्ष से कम की सेवा पर शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार नहीं मिल सकेगा। बदले नियमों में प्रक्रिया काफी कड़ी कर दी गई है। अब जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या भी कम हुई तो वहां के अध्यापक भी आवेदन करने से वंचित रहेंगे। पुरस्कार की दौड़ में वहीं शिक्षक शामिल होंगे जहां के प्राथमिक विद्यालय में 150 से कम, उच्च प्राथमिक विद्यालय में 105 से कम और कंपोजिट विद्यालय में 255 छात्र-छात्राओं से कम नामांकन न हों। पूर्व में ये पुरस्कार प्राप्त कर चुके शिक्षक भी इसमें आवेदन नहीं कर सकेंगे।

कानपुर मंडल से आवेदन-

राज्य पुरस्कार को लेकर कानपुर मंडल के कानपुर देहात से मात्र एक आवेदन हुआ है बाकी कानपुर नगर, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा से एक भी आवेदन नहीं हुआ है।

राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक नवीन दीक्षित ने बताया कि पुरस्कार को लेकर जटिलता तथा शिक्षकों में जागरूकता की कमी आवेदन न करने का प्रमुख कारण है। ऐसा नहीं है कि जिले में पात्र शिक्षकों की कमी है। यदि शिक्षक रुचि दिखाएं तो आवेदन की संख्या बढ़ सकती है। काफी पहले मैनुअल आवेदन होता था जो आसान था। अब ऑनलाइन आवेदन के साथ पूरी फाइल ऑनलाइन तैयार करनी पड़ रही है। यह भी एक बड़ी समस्या है।

Author: aman yatra

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