राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार 2023 के नियम में हुआ बदलाव
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के पात्रता नियमों में शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत दस साल का अनुभव रखने वाले शिक्षक या प्रधानाध्यापक ही अब इसके लिए पात्र होंगे।
- 1500 शब्दों में उल्लेखनीय कार्यों का लेखाजोखा देंगे शिक्षक
- छात्रों की उपलब्धि दिलाएगी राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार
लखनऊ/ कानपुर देहात। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के पात्रता नियमों में शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत दस साल का अनुभव रखने वाले शिक्षक या प्रधानाध्यापक ही अब इसके लिए पात्र होंगे। वहीं स्कूलों में संविदा पर पढ़ाने वाले शिक्षक या फिर शिक्षामित्र इसमें शामिल नहीं हो सकेंगे।
इसके अलावा शिक्षकों को आवेदन करते समय लगभग 1500 शब्दों में अपने किए गए उल्लेखनीय कार्यों का लेख-जोखा देना होगा। इसमें कुछ छात्रों (अधिकतम पांच) के बारे में भी बताना होगा जिनके जीवन में शिक्षक के संपर्क में आने से सकारात्मक बदलाव, जैसे विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई जारी रखना, शिक्षक से जिस विषय को सीखा उसमें खास उपलब्धि मिली हो या उच्च पद पर कार्यरत आदि आया हो। इस साल वस्तुनिष्ठ मानक के लिए 100 में से 10 नंबर मिलेंगे जबकि पिछले साल इसके लिए 20 अंक निर्धारित थे। वहीं प्रदर्शन आधारित मानक के लिए 100 में से 90 अंक मिलेंगे जबकि वर्ष 2022 में 80 अंक मिले थे। राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार के लिए पूरे देश से 154 शिक्षक आवेदन कर सकते हैं। हर राज्य, संघ शासित प्रदेश व सीबीएसई, सीआईएससीई आदि का कोटा तय है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम, बंगाल, राजस्थान समेत कुछ राज्यों व सीबीएसई के अधिकतम 6-6 शिक्षकों से आवेदन लिए जाते हैं। इसके आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई 2023 तक निर्धारित है।
ये कर सकते हैं आवेदन-
प्राइमरी से हायर सेकेंड्री तक के शिक्षक पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें सभी शासकीय, अशासकीय विद्यालयों के अतिरिक्त राज्य व केंद्र के बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं। यूपी बोर्ड के आलावा सीबीएसई, आईसीएसई, सीआईएससीई बोर्डों से संबद्ध शिक्षकों को भी अर्ह माना गया है। इनमें निजी विद्यालय भी शामिल हैं।